जिप अध्यक्ष ने सचिव को लिखा पत्र

धनबाद: राजेंद्र सरोवर के एनओसी का मामला फिर एक बार सुर्खियों में आ गया है. जिप अध्यक्ष रॉबिन गोराईं ने ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) के सचिव को पत्र लिखकर जिप की जमीन व सैरात का स्थानांतरण नहीं करने की मांग की है. रॉबिन गोराईं ने कहा है कि निगम की ओर से जिस एनओसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2017 7:20 AM
धनबाद: राजेंद्र सरोवर के एनओसी का मामला फिर एक बार सुर्खियों में आ गया है. जिप अध्यक्ष रॉबिन गोराईं ने ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) के सचिव को पत्र लिखकर जिप की जमीन व सैरात का स्थानांतरण नहीं करने की मांग की है. रॉबिन गोराईं ने कहा है कि निगम की ओर से जिस एनओसी की बात की जा रही है, उसे पूर्व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने बोर्ड की बैठक में पारित कराये बिना ही निर्गत कर दिया था.

जिला परिषद की 27 जुलाई 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में उस एनओसी को निरस्त करते हुए इसकी सूचना प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग को दी गयी थी. उक्त सैरात को डाक के माध्यम से मछली पालन के लिए पूर्व में बंदोबस्त किया गया था, जो 31.12.2017 तक प्रभावी है. इस संबंध में टाइटिल सूट सब जज प्रथम के न्यायालय में लंबित है. तालाब को नाव परिचालन के लिए जिला परिषद् बोर्ड ने पांच वर्षों के लिए दिया है जिसकी अवधि 19 सितंबर 2017 है.

राजेंद्र सरोवर एवं दुकानें जिला परिषद् की आय का स्रोत है. ऐसे में जिला परिषद् की जमीन या सैरात का स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए.
निगम को सौंदर्यीकरण से मतलब : मेयर
मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि राजेंद्र सरोवर, सरकार की प्रोपर्टी है. सरकार के फंड से राजेंद्र सरोवर का सौंदर्यीकरण हो रहा है. निगम को शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने से मतलब है. राजेंद्र सरोवर का मालिकाना हक किसी का भी हो. निगम को कोई आपत्ति नहीं है. अगर मेंटेनेंस में पैसा घटता है तो वह भी निगम देने के लिए तैयार है.

Next Article

Exit mobile version