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रंजय के यूपी-बिहार के दोस्तों की तलाश

नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में पुलिस कातिल से लेकर षडयंत्रकारियों तक पहुंचने के लिए टेक्नीकल व वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ परिस्थितजन्य साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई कर रही है. धनबाद : हत्याकांड के 12 वें दिन भी पुलिस किसी ठोस नतीजे व बड़े लोगों पर हाथ नहीं डाल सकी है. पुलिस […]

नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में पुलिस कातिल से लेकर षडयंत्रकारियों तक पहुंचने के लिए टेक्नीकल व वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ परिस्थितजन्य साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई कर रही है.
धनबाद : हत्याकांड के 12 वें दिन भी पुलिस किसी ठोस नतीजे व बड़े लोगों पर हाथ नहीं डाल सकी है. पुलिस का दावा है कि अनुसंधान सही दिशा में चल रहा है और साक्ष्य के आलोक में कार्रवाई हो रही है. पुलिस की जांच इस ओर तेजी से बढ़ रही है कि रंजय सिंह की हत्या के प्रतिशोध में नीरज की हत्या की गयी है. सीनियर पुलिस अफसरों का कहना है कि हत्या में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से विधायक संजीव सिंह व सिंह मैंशन के लोग शामिल हैं.
रंजय के संबंधी व दोस्तों का नाम हत्याकांड में आ रहा है. आरोप है कि रंजय का एक संबंधी बिहार में नक्सली संगठन में रह चुका है. उसने डीएसपी स्तर के एक अफसर की हत्या कर दी थी. वह अभी भी फरार चल रहा है. बिहार व यूपी के शूटरों से रंजय का बेहतर संबंध रहा है. आरोप है कि रंजय की हत्या के बाद रंजय के बिहार व यूपी के शूटर दोस्तों में आक्रोश था. वे लोग रंजय के श्राद्धकर्म में संबंधित लोग पहुंचे थे. पुलिस अनुसंधान में हत्या से जुड़े जिन तीन लोगों को जेल भेजा गया है उसमें एक रंजय का भाई संजय भी है. आरोप है कि संजय से रंजय की मौत के बाद उसके दोस्तों ने मुलाकात की थी.
शूटर बिहार व यूपी के हैं. पुलिस को नाम का पता चल गया है. बदला या सुपारी : पुलिस अनुसंधान में भले ही रंजय हत्या के प्रतिशोध व दुश्मनी के कारण नीरज की हत्या की बात आ रही है और कड़ी जुट रही है. बगैर शूटर की गिरफ्तारी, शूटर के पहचानकर्ता व हथियार बरामदगी के पुलिस किसी को भले ही जेल भेज सकती है, लेकिन कानूनी सजा दिलाना आसान नहीं है. नीरज के शरीर पर ही दो दर्जन से अधिक गोलियां दागी गयी हैं, उससे गुस्सा व प्रतिशोध झलकता है.
ठेला-खोमचा वालों से शूटरों का हुलिया ले रही पुलिस : नीरज सिंह हत्याकांड में शूटरों का हुलिया जानने के लिए पुलिस घटनास्थल के आसपास ठेला-खोमचा लगाने वाले हॉकरों से पूछताछ कर रही है. घटना के दिन कौन-कौन ठेला, खोमचा और दुकानदार वहां मौजूद थे, उन्होंने क्या देखा. शूटरों का स्कैच सही है या नहीं, इन तमाम सवालों के जवाब के लिए शनिवार को पुलिस घटनास्थल पहुंची थी. मौजूद लोगों के पुलिस को जो बताया, उसके अनुसार चारों शूटर करीब एक घंटे से घटनास्थल पर खड़े थे. उनमें से दो शूटर वहां पर चाट खा रहे थे और दो सिगरेट पी रहे थे.
वे फोन पर भी लगातार बातें कर रहे थे. नीरज सिंह की गाड़ी पहुंचने से कुछ देर पहले ही शूटर पूरी तरह तैयार हो गये थे. गाड़ी जैसे ही ब्रेकर के पास पहुंची, पिस्तौल निकाल कर फायरिंग शुरू कर दी. सात मिनट तक फायरिंग की गयी. जब यह जान गया कि नीरज सिंह की मौत हो गयी है, तो वे वहां से भाग निकले.

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