मुख्य संवाददाता, धनबाद
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह लोहरदगा के विधायक सुखदेव भगत ने कहा है कि पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से होनी चाहिए. पुलिस यहां दबाव में है. इसलिए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिवंगत नेता के घर रघुकुल पहुंचे तथा शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी.
उन्होंने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नीरज सिंह के परिजन भी चाहते हैं कि मामले की सीबीआई जांच हो. कांग्रेस पार्टी का भी यही स्टैंड हैं. जल्द ही कांग्रेस के नेता राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिल कर मामले की सीबीआई जांच का आग्रह करेगी.
उन्होंने कहा कि एसआइटी टीम जांच के नाम पर लीपापोती करने में लगी है. नामजद अभियुक्त को बचाने की कोशिश हो रही है. इसलिए किसी को पुलिस जांच पर भरोसा नहीं है. धनबाद की जनता भी सच्चाई जानना चाहती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार को न्याय दिलायेगी. नीरज के परिवार का कांग्रेस में स्वागत है. भगत ने कहा कि नीरज सिंह कांग्रेस के युवा नेता थे. उनका भविष्य बहुत उज्जवल था. इससे पार्टी को क्षति हुई है. अगर नीरज के कोई परिजन कांग्रेस की राजनीति में आते हैं तो पार्टी उनका स्वागत करेगी. उनके परिवार को भी पूरा मान-सम्मान देगी. इस दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह भी मौजूद थे.
सरकारी दबाव में संजीव सिंह की गिरफ्तारी नहीं : सुबोधकांत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि सरकार के दबाव में धनबाद पुलिस झरिया के विधायक संजीव सिंह को गिरफ्तार नहीं कर रही है. श्री सहाय ने सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की सरेशाम हत्या के 14 दिनों बाद भी मुख्य नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. जबकि कांड का चश्मदीद गवाह तथा प्राथमिकी दर्ज कराने वाले चीख-चीख कर झरिया विधायक के शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार की मंशा ठीक नहीं है. लीपापोती के लिए ही आनन-फानन में एसआइटी का गठन किया गया. लेकिन, सरकार बताये पुलिस 14 दिनों में कहां तक पहुंची. कहा कि एक माह से अधिक समय से यहां शूटर ठहरे हुए थे. लेकिन, पुलिस को भनक तक नहीं लगी.
उन्होंने कहा कि यह खुफिया तंत्र की भी विफलता है. कहा कि इस हत्याकांड की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. परिवार के सदस्यों तथा धनबाद की जनता की भावना का सम्मान करते हुए सरकार इस मुद्दे पर निर्णय ले.