दक्षिण की ओर से ट्रेन पकड़ना, यानी हथेली पर जान

धनबाद: पुराना बाजार की ओर से यदि आप ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे हैं तो आपको जान हथेली पर लेकर आना होगा. उस ओर से केवल दो ही रास्ता बचे हैं प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए. एक रास्ता सभी जानते हैं, वह है फुट ओवरब्रिज. इसकी जजर्रता से भी लोग वाकिफ हैं. ऊपर तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2014 11:04 AM

धनबाद: पुराना बाजार की ओर से यदि आप ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे हैं तो आपको जान हथेली पर लेकर आना होगा. उस ओर से केवल दो ही रास्ता बचे हैं प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए. एक रास्ता सभी जानते हैं, वह है फुट ओवरब्रिज.

इसकी जजर्रता से भी लोग वाकिफ हैं. ऊपर तो खुला है, वह अलग नीचे भी खोखला हो गया है. सीढ़ियां इस कदर टूटी हुई है कि नीचे झांकने से आपको डर लगेगा. यही हाल गार्डवाल की तरह लगे लोहे के पिलरों का भी है. दूसरा रास्ता है दक्षिण टिकट घर की ओर से. वहां टिकट लेकर आपको उसी प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर जाना होगा.

वहां से वह मुख्य ब्रिज पर चढ़ कर दूसरे प्लेटफॉर्म पर जा सकेंगे, लेकिन यदि ट्रेन के खुलने के समय पहुंचते हैं तो आपको खतरनाक कदम उठा कर ट्रैक पार कर ही जाना होगा, नहीं तो दक्षिणी छोर के टिकट काउंटर से ब्रिज तक जाने में आपको 10 मिनट से ज्यादा लग जायेगा और ट्रेन तब तक रवाना हो जायेगी. अनजान यात्री तो यह सोच ही नहीं सकते हैं. फिलहाल दक्षिणी छोर स्टेशन से प्लेटफॉर्म नंबर सात के फुट ओवरब्रिज पर काम चल रहा है. इसलिए मुख्य ओवरब्रिज का रास्ता बंद हो जाने से अधिकांश यात्री जजर्र आम ओवरब्रिज होकर ही ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे हैं, जो कहीं से खतरे से खाली नहीं है.

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