नीरज सिंह हत्याकांड. कातिल कौन? षडयंत्रकारी कौन? …पुलिस मौन

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में 14 दिन में पुलिस चार कदम भी नहीं पहुंची है. पुलिस एफआइआर के इर्द-गिर्द अनुसंधान कर रही है. लेकिन हत्यारे कौन के सवाल पर मौन है. पुलिस षडयंत्रकारी का नाम भी नहीं बता पा रहा है. नीरज के परिजन भी पुलिस जांच सेे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2017 8:34 AM
धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में 14 दिन में पुलिस चार कदम भी नहीं पहुंची है. पुलिस एफआइआर के इर्द-गिर्द अनुसंधान कर रही है. लेकिन हत्यारे कौन के सवाल पर मौन है. पुलिस षडयंत्रकारी का नाम भी नहीं बता पा रहा है. नीरज के परिजन भी पुलिस जांच सेे संतुष्ट नहीं है. पुलिस पर असली कातिल व षडयंत्रकारियों को बचाने का आरोप लग रहा है.
कब क्या हुआ
21 मार्च : नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या, एडीजी सीआइडी के नेतृत्व में एसआइटी गठित.
22 मार्च : विधायक संजीव सिंह, उके भाई मनीष सिंह, समर्थक गया सिंह, महंथ पांडेय व पिटू सिंह पर षडयंत्र कर हत्या करने की एफआइआर, सीआइडी टीम पहुंची व जिला पुलिस के साथ एसआइटी ने जांच शुरू की. एडीजी सीआइडी व कोयला क्षेत्र के डीआइजी समेत कई आइपीएस धनबाद में जमे.
23 मार्च : विधायक संजीव ने पीसी कर अपनी, परिवार के सदस्य व किसी समर्थक की संलिप्ता से इनकार किया. कुसुम विहार के अह्लाद राय ने पुलिस को लिखित दिया कि घर से चार किरायेदाार युवक ताला बंद कर लापता. संदिग्ध की खोज में ताबड़तोड़ छापामारी.
24 मार्च : पूर्व मंत्री बच्चा सिंह व डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह की पीसी. विधायक व समर्थकों पर नीरज की हत्या का आरोप. पुलिस ने नीरज के भाई गुड्डू व प्रत्यक्षदर्शी अादित्य राज का बयान दर्ज किया.
25 मार्च : विधायक के करीबी व केस के नामजद गया सिंह व महंथ पांडेय को पुलिस ने हिरासत में लिया. मैंशन समर्थक अन्य कई से पूछताछ.
26 मार्च : पिंटू सिंह ने पुलिस के समक्ष किया सरेंडर, विधायक के निजी बॉडीगार्ड धनजय सिंह व नौकर को रात को पुलिस उठा ले गयी.
27 मार्च : विधायक संजीव से सरायढेला थाना में पूछताछ, विधायक के अनुसेवक संजय (रंजय का भाई) को पुलिस ने पकड़ा.
28 मार्च : संजय, धनजी व पिंटू से पूछताछ में अहम सुराग का दावा, महंथ व गया पूछताछ के बाद छूटे.
29 मार्च : एसएसपी मनोज रतन चोथे की ओर से सोशल मीडिया में जारी विज्ञप्ति के अनुसार कहा गया कि नीरज मर्डर केस में संजय सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह व धनंजय सिंह उर्फ धनजी को गिरफ्तार किया गया है. अन्य सहयोगियों की संलिप्तता के बिंदु पर छानबीन चल रही है. एसएसपी ने बताया है कि गुप्त सूचना के आधार पर तीन लोगों को पकड़ा गया है. इनमें प्रशांत सिंह, मोनू सिंह व अशोक महतो शामिल हैं. इनलोगों के पास बेल्जियम की बना नाइन एमएम का रेगुलर पिस्टल, प्रतिबंधित यूसए निर्मित वेबली स्कॉट पिस्टल के साथ कारतूस भी बरामद किये गये हैं. पुलिस इस बात का सत्यापन कर रही है कि बरामद पिस्टल का नीरज सिंह मर्डर केस में इसका उपयोग हुआ है या नहीं.
30 मार्च : हत्याकांड में संजय सिंह, धनजी सिंह व पिंटू जेल भेज गये. अवैध हथियार बरामदगी मामले में अशोक महतो व मोनू गया जेल. प्रशांत सिंह उर्फ मामा पड़े बीमार. अस्पताल में भरती.
31 मार्च : शूटरों को किराये के मकान दिलाना वाला डब्लू मिश्रा उर्फ मुन्ना की खोज में ताबड़तोड़ छापामारी.डबलू समर्थक कई हिरासत में

दो अप्रैल : विधायक के भाई मनीष से सरायढेला थाना में पूछताछ. जमसं का ऑफिस स्टाफ समेत कई हिरासत में.

डब्लू मिश्रा व चार शूटरों के खिलाफ एफआइआर
कुसुम विहार में सीएफआरआइ के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर अह्लाद राय के घर में नाम-पता छुपाकर शूटरों को ठहराने के मामले में सरायढेला थाना में केस प्राथमिकी की गयी है. पुलिस अफसर की शिकायत पर दर्ज केस में डब्लू मिश्रा उर्फ मुन्ना व पंकज समेत चार शूटरों को नामजद किया गया है. पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के बाद गृहस्वामी की ओर से सरायढेला थाना में लिखित शिकायत की गयी थी कि मुन्ना नामक युवक के कहने पर उन्होंने चार लोगों को अपना घर किराये पर दिया था. चारों युवक घर में ताला बंद कर 22 मार्च से लापता हैं. श्री राय के आवेदन की जांच कर सरायढेला पुलिस की ओर से रिपोर्ट बनायी गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुन्ना ने गलत नीयत से धोखाधड़ी कर अपराध कारित कराने के लिए शूटरों को किराये के मकान में ठहरवाया. शूटरों ने स्टील गेट में 21 मार्च को हत्या को अंजाम दिया. जांच रिपोर्ट में शूटरों के नाम का भी उल्लेख है. उल्लेखनीय है कि अह्लाद राय की शिकायत पर पुलिस हरकत में आयी. दंडाधिकारी की मौजूदगी में घर का ताला तोड़वाया गया. पुलिस को मौके से शराब की बोतलें, सिगरेट के रैपर, शूटरों के पैंट-शर्ट, बेडशीट, किचेन सेट के अलावा पेपर कटिंग, जिसमें नीरज सिंह का फोटो था, स्टील गेट व आइएसएम गेट समेत अन्य रास्ते का नक्शा आदि मिले थे. पेपर इलाहाबाद व कानपुर का था. पेपर पर एक-दो मोबाइल नंबर भी अंकित था. मोबाइल धारक भी यूपी का निकला. डब्लू मिश्रा उर्फ मुन्ना बिहार के समस्तीपुर जिला अंतर्गत उजियारपुर का रहने वाला है. वह सिंह मैंशन से जुड़ा रहा है. झरिया के एक सिनेमा हॉल का कर्मचारी था. झरिया में एक फायरिंग के मामले में वह चार्जशीटेड है. नूतनडीह में डब्लू की ससुराल है. पुलिस डब्लू की खोज में समस्तीपुर समेत अन्य कई जगहों पर छापामारी कर चुकी है.
नीरज के साथियों ने आगरा में चलाया कैंपेन
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या से मर्माहत कॉलेज के साथियों ने मामले की सीबीआइ जांच के लिए आज ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू किया. साथ ही पीएमओ की वेबसाइट पर भी ट्वीट किया जा रहा है. सोमवार को इसकी शुरुआत हिन्दुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी आगरा से हुई. इसी कॉलेज से नीरज सिंह ने सत्र 1997-2001 में बीटेक किया था. जस्टिस फॉर नीरज के बैनर तले पूरे देश में अभियान चलाने की घोषणा करने वाले नीरज के साथी सोमवार को आगरा में जुटे.
कॉलेज के सभागार में पहले एक शोक सभा कर दिवंगत पूर्ववर्ती छात्र को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद कॉलेज के छात्र, टीचर तथा वहां मौजूद पूर्ववर्ती छात्रों ने ऑनलाइन अभियान में हस्ताक्षर किया. इस अभियान का नेतृत्व कर रहे नीरज के सीनियर विनोद राय ने कहा कि फिलहाल यह अभियान आगरा में चलेगा. इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में भी चलाया जायेगा. उन लोगों की कोशिश है कि कम से कम एक लाख लोगों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपे. जब तक सरकार इस कांड की जांच सीबीआइ से कराने की घोषणा नहीं करती है तब तक उनलोगों का अभियान जारी रहेगा. सोशल साइटों पर भी इसे शेयर किया जा रहा है. उन्होंने नीरज सिंह के साथियों, शुभचिंतकों से इस अभियान में शामिल होने की अपील की है. पीएमओ के साइट पर किये जा रहे ट्वीट में लिखा है कि जस्टिस फोर नीरज सिंह धनबाद मर्डर केस की सीबीआइ जांच हो.

Next Article

Exit mobile version