मटन व चिकन के लाइसेंस के लिए करना होगा इंतजार
धनबाद: लाइसेंस के लिए मांस व मछली कारोबारियों को और इंतजार करना पड़ेगा. नगर निगम ने सरकार से लाइसेंस के लिए मार्गदर्शन मांगा है. सरकार द्वारा तय परफॉरमा के आधार पर लाइसेंस निर्गत किया जायेगा. पिछले एक सप्ताह में 137 मांस व मछली कारोबारियों ने नगर निगम में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. जांच […]
धनबाद: लाइसेंस के लिए मांस व मछली कारोबारियों को और इंतजार करना पड़ेगा. नगर निगम ने सरकार से लाइसेंस के लिए मार्गदर्शन मांगा है. सरकार द्वारा तय परफॉरमा के आधार पर लाइसेंस निर्गत किया जायेगा. पिछले एक सप्ताह में 137 मांस व मछली कारोबारियों ने नगर निगम में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. जांच टीम तो गठित की गयी है लेकिन सरकार से कोई मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण आगे की प्रक्रिया ठप है. इधर, ट्रेड लाइसेंस को लेकर कारोबारियों की परेशानी बढ़ गयी है.
सरकार ने ट्रेड लाइसेंस शुल्क में कुछ बदलाव के संकेत दिये हैं. शुक्रवार को इस संबंध में सरकार अधिसूचना जारी करेगी. इसके बाद ट्रेड लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. निगम की मानें तो मांस व मछली कारोबारियों को आवेदन के साथ ट्रेड लाइसेंस व होल्डिंग टैक्स की छाया प्रति देना अनिवार्य है. जब तक ट्रेड लाइसेंस नहीं होगा, आगे की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी.
चोरी छिपे बिक रही मांस व मछली : सरकार ने बिना लाइसेंस मांस व मछली बेचने पर रोक लगा दी है. पिछले एक सप्ताह से मांस-मछली की बिक्री लगभग ठप है. हालांकि कुछ जगहों पर चोरी-छिपे मांस व मछली की बिक्री हो रही है. भूली, कतरास, झरिया, केंदुआ, हीरापुर, पुराना बाजार आदि कई क्षेत्रों में चोरी छिपे मांस व मछली का कारोबार चल रहा है. बताया जा रहा है कि दुकान के सामने दुकानदार अपना स्टाफ खड़ा कर रखा है. फिर वहां से व्यवस्था करायी जाती है.
बराकर से भी आ रहा मांस : धनबाद की मांस व मछली की दुकानें बंद होने के बाद डेली पैसेंजर कर दलालों द्वारा बराकर व आसनसोल से मांस खरीद कर यहां खपाये जाने की सूचना है. रेस्टोरेंट व होटलों में बराकर से लाये गये मांस की बिक्री हो रही है.
लाइसेंस के लिए आवेदन आ रहे हैं. सरकार से मार्ग दर्शन मांगा गया है. सरकार के मार्गदर्शन के अनुसार आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. लाइसेंस को लेकर पूरे झारखंड में यही स्थिति है.
मनोज कुमार, नगर आयुक्त