कुंती ने देवर बच्चा सिंह पर साधा निशाना, कहा – बच्चा बाबू के लिए परिवार नहीं, राजनीति व पैसा जरूरी

धनबाद: नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में झरिया विधायक संजीव सिंह की गिरफ्तारी के दो दिन बाद सिंह मैंशन से शुक्रवार को रघुकुल पर जोरदार हमला बोला गया. मैंशन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में झरिया की पूर्व विधायक कुंती देवी ने जहां अपने बड़े बेटे राजीव रंजन सिंह की हत्या को लेकर बच्चा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2017 7:44 AM
धनबाद: नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में झरिया विधायक संजीव सिंह की गिरफ्तारी के दो दिन बाद सिंह मैंशन से शुक्रवार को रघुकुल पर जोरदार हमला बोला गया. मैंशन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में झरिया की पूर्व विधायक कुंती देवी ने जहां अपने बड़े बेटे राजीव रंजन सिंह की हत्या को लेकर बच्चा सिंह को निशाना बनाया, वहीं उनके छोटे पुत्र सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष ने रंजय हत्याकांड के साजिशकर्ता की गिरफ्तारी की मांग की. इस मौके पर रंजय की विधवा रूमी देवी व रंजय के पिता केशव सिंह उर्फ बच्चू सिंह मौजूद थे. रंजय की हत्या 29 जनवरी को रघुकुल के निकट गोली मार कर की गयी थी.
कुंती देवी ने कहा : मेरा बड़ा बेटा राजीव रंजन राजनीतिक रूप से लोकप्रिय हो रहा था. झरिया में बड़ी रैली की थी. 2005 में राजीव को झरिया से विधानसभा चुनाव लड़ना था. बच्चा सिंह वहां से विधायक थे. राजीव रंजन की लोकप्रियता से किसको राजनीतिक हानि होनी थी? राजीव रंजन को लापता कर हत्या कर दी गयी. राजीव की हत्या की खबर के बाद सिंह मैंशन से रातों रात कई लोग बैग व झोला में सामान समेट कर निकल गये. वह अपनी बहू के साथ रोते-तड़पती रही, कोई पूछने भी नहीं आया. बच्चा सिंह ने मंत्री रहते राजीव मामले की सीबीआइ जांच नहीं कराकर आरोपियों को बचाया. कुंती देवी संवाददाता सम्मेलन में अपने पति सूर्यदेव सिंह यानी विधायकजी व बेटे राजीव के नाम व काम की चर्चा करते-करते बार-बार रोने लगतीं. मनीष अपनी मां को ढांढ़स बंधा रहे थे. वह भी कई बार भावुक हो गये.
कुंती ने कहा : बच्चा कह रहे हैं कि राजनीतिक लोकप्रियता के कारण नीरज की हत्या हुई, इसलिए इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. राजीव रंजन की हत्या भी तो राजनीतिक लोकप्रियता के कारण हुई. ऐसे में जिनको राजनीतिक हानि होनी थी उनलोगों ने ही हत्या करायी होगी. हो सकता है कि आज बच्चा सिंह जिनके साथ है उनलोगों ने ही राजीव की हत्या मेरे विरोधियों से मिलकर करायी हो. राजीव की हत्या भी पूरी तरह राजनीतिक थी. फिर राजनीति करने वाले वैसे लोगों के खिलाफ क्यों नहीं जांच होनी चाहिए. राजीव की हत्या के बाद अपने ही घर के लोग कहते थे कि उसे ऐसा कर दिया कि कफन नसीब नहीं हुआ. उसके नाम पर कोई पानी नहीं गिराया. मैं मां होकर क्यों नहीं समझूंगी कि घर के लोगों ने विरोधियों के साथ मिलकर राजीव की हत्या करवायी. मंत्री रहते बच्चा बोलते थे तीन-तीन एसपी को बदलवा दिया. मैं पूछना चाहता हूं मेरे व परिवार के लिए क्या किया?
कुंती देवी ने कहा : बच्चा बाबू विधायकजी की तरह परिवार को क्यों लेकर नहीं चले. उन्होंने अभिभावक की भूमिका अदा नहीं की. विधायकजी के मरने और मंत्री बनने के बाद बच्चा बाबू ने अपने व राजन सिंह के परिवार के लिए किया. और किसी के लिए कुछ नहीं किया. बच्चा सिंह चाहते हैं कि परिवार बरबाद हो जाये. वह राजनीति में ऊंचे अोहदे पर रहें. पैसा सब उनके पास ही आया. सभी संपत्ति के मालिक वही रहे. सिंह मैंशन परिवार में धनबाद से लेकर बलिया तक कोई संपत्ति विवाद नहीं है. विधायकजी ने यहां से वहां तक जो किया सभी भाइयों के लिए किया. मंत्री रहते बच्चा सिंह सिंह ने मैंशन में खाकर बाहर संपत्ति बनायी. विधायकजी की संपत्ति में सभी भाइयों का हिस्सा है. उसी तरह विधायकजी के नाम पर कमाने वालों की संपत्ति सूर्योदय या अन्य सभी में भी सबका हिस्सा है.

विधायकजी भौंरा पहली बार मामा के घर आये थे

विधायकजी ने मजदूरी कर परिवार को एकजुट रखा और बढ़ाया. भाइयों का पालन-पोषण किया. विधायकजी गांव से पहली बार 15 साल की उम्र में भौंरा अपने चचेरे मामा के यहां आये थे. वहां वह पानी काछने का काम करने लगे और मामा का खाना बनाते थे. एक बार दाल जल गयी तो मामा ने उन्हें चांटा मार दिया. विधायकजी बोरा लेकर बोर्रागढ़ में एक बंगाली अफसर के बंगले के बाहर रात को सो गये. सुबह पूछताछ करने पर काम मांगा तो काम पर लगा दिया गया. विधायकजी को चार रुपये हफ्ता मिलता था. चना-गुड़ खाकर रहते थे. भाई व परिवार को समेट कर रखा. फिर बाद में उन्हें बोरार्गढ़ में ही चानक पर काम मिला.
इस दौरान रात को चोरों ने विधायकजी पर हमला कर दिया था. हमले में उनका हाथ कट गया. गांव में खबर गयी तो लोग बुलाकर ले गये. गांव से विधायकजी फिर धनबाद आ गये. बोर्रागढ़ में रहने लगे. बच्चा सिंह भी साथ रहते थे. विधायकजी की मां छह माह बाद राजन सिंह को पढ़ाने के लिए धनबाद ले आयी. कुछ दिन बाद रामधीर भी आ गये. वह सभी को एक साथ रखकर खाना बनाकर खिलाती व बरतन धोती. कभी भेदभाव नहीं किया. एक साड़ी पहनती. साफ कर सुखाकर फिर पहनती. इस तरह उन्होंने जीवन बिताया और आज विधायकजी के परिवार व बच्चों के साथ लोग क्या कर रहे हैं?

बच्चा व विक्रमा के बाद विधायकजी ने की थी शादी

कुंती देवी ने कहा : माता-पिता ने कुंती नाम क्या रखा वह तो कुंती की तरह दुख भरी जिंदगी जीती रही. विधायकजी के त्याग का ही फल है कि उनकी शादी के पांच साल पहले उनके छोटे भाई बच्चा बाबू की शादी करायी गयी. बच्चा सिंह की पत्नी घर की पहली बहू बनी. इसके बाद विक्रमा बाबू की शादी हुई. तब विधायकजी ने शादी की. क्या विधायकजी व उनके परिवार को यही दिन देखना था. आज विधायकजी जीवित रहते तो उनलोगों पर परिवार का कोई सदस्य आंख उठाकर नहीं देखता. विधायकजी की मौत के बाद अभिभावक बनने के बजाय बच्चा सिंह उनके बच्चों को प्रताड़ित करते थे. विधायक जी की मौत के समय किरण 18 साल, राजीव 15, गुड्डी-12, संजीव 9 व मनीष सात साल के थे. संजय सिंह की हत्या के बाद घर का राशन बच्चा बाबू ने बंद करवा दिया. घर के नौकर, गेटमैन आदि का वेतन हमसे दिलवाया जाता रहा. प्रमोद हत्याकांड में राजीव का नाम आया तो बच्चा बाबू कहते थे तुमने की है, तुमको सजा मिलेगी.

जितनी धूमधाम से राजन बाबू की शादी की उतनी धूमधाम से रंजन व संजीव की भी नहीं

कुंती देवी ने कहा : राजन बाबू की शादी बड़ी धूमधाम से की थी. विधायक जी व मैंने अपने बेटे राजीव रंजन व संजीव से भी बेहतर तरीके से धूमधाम से शादी की. राजन की साली पुष्पा सिंह की शादी विधायक जी ने करवायी थी. आज राजन की पत्नी व साली हमलोगों के लिए क्या कर रही है, यह सब सामने हैं. संजय सिंह की हत्या के बाद राजन की पत्नी बिना गाली के कभी बात नहीं करती. मेरे बेटे राजीव को श्राप व गाली देती रहती थी. संजय की हत्या किसने की यह तो पुलिस जांच में ही पता चल गया था. राजीव पर आरोप गलत था. राजीव हजाराबीग जेल में थे. बच्चा सिंह व राजन सिंह की ओर से उनलोगों को घर में काफी प्रताड़ित किया जाता था.

किसने दूसरों की जमीन कब्जा किया?

विपक्ष के लोगों के साथ मेरे घर के लोग भी नीरज की हत्या पर राजनीति कर रहे हैं. नीरज सिंह की लोकप्रियता के कारण हत्या की बात गलत है. झरिया विधानसभा में 2009 में माता जी भाजपा के टिकट पर लड़ी तो 49 हजार वोट व कांग्रेस को 46 हजार वोट मिले थे. नीरज 2014 में चुनाव लड़े तो 40 हजार तथा भाई संजीव को 75 हजार वोट आये. लोकप्रियता व राजनीतिक कद नीरज का बढ़ रहा था और वोट बढ़ाकर संजीव जीते. मनीष ने कहा कि कोई संपत्ति विवाद नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए कि 10 साल में सिंह मैंशन के लोगों ने अनैतिक कार्य कर अकूत संपत्ति अर्जित की है या मेरे तथाकथित रिश्तेदारों ने. किसने दूसरों की जमीन कब्जा कर घर बनाया है. झरिया चुनाव में सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी. नीरज अपनी मां के साथ मैंशन माता जी (कुंती सिंह) से मिलने आये थे.
संपत्ति बंटवारा को लेकर. बोले थे बड़ी मम्मी हम भी झरिया से चुनाव लड़ेंगे. माताजी बोली ‘संजीव व तू दोनों चुनाव लड़अ, जे जीती हमरे बेटा न जीती.’ मनीष ने कहा कि सिंह मैंशन में शूटर आते हैं. हथियार रखा जाता है. विधायक संजीव नीरज हत्याकांड का प्लान बनाते हैं. मैंशन में माताजी व विधायक की सुरक्षा में तैनात डेढ़ दर्जन सरकारी मुलाजिमों को पता नहीं चलता है. नीरज हत्याकांड की जांच किसी भी एजेंसी सीबीआइ क्या एफबीआइ से हो, उन्हें कोई परेशानी नहीं है. नीरज हत्याकांड में उनलोगों को दुर्भावना से प्रेरित होकर नामजद किया गया है. रंजय हत्याकांड में वह कानूनी सलाह ले रहे हैं. रंजय के पिता या पत्नी की ओर से हत्यारों के खिलाफ कोर्ट में केस किया जायेगा.

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