पुलिस का दावा है कि संतोष व पंकज साथ-साथ है. विजय व मोनू के साथ एक और शूटर का कुछ पता भी नहीं चल रहा है. संतोष व पंकज कभी नेपाल तो कभी बिहार व यूपी में रहते हैं. पुलिस दबिश के कारण दोनों लगातार ठिकाना बदल रहे हैं. दोनों का मोबाइल नंबर व सेट बदल जाने से पुलिस को सही लोकेशन नहीं मिल रहा है. पुलिस का दावा है कि दोनों यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी से जुड़ा है. दोनों अपना ठिकाना पकड़ में आने से बचने के लिए मोबाइल का उपयोग नहीं कर रहा है. पुलिस को काफी पहले ही दोनों का फोटो मिल चुका है. दोनों विधायक संजीव सिंह के खासमखास स्व रंजय सिंह का करीबी रहे हैं. रंजय की 29 जनवरी को ही बिग बाजार के सामीप गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
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तफ्तीश: विधायक संजीव सिंह के स्टाफ से की गयी पूछताछ, शूटरों की खोज में 32 दिन से खाक छान रही पुलिस
धनबाद : दोनों से कई नयी जानकारी नहीं मिली है. दोनों मैंशन में ही रहते हैं. संतोष व पंकज को खोजने में पुलिस खाक छान रही है. हत्या के 31 दिन भी पुलिस को इस दिशा में सफलता हाथ नहीं लगी है. हालांकि पुलिस हत्या को अंजाम देने वाले शूटर पंकज सिंह, विजय व मोनू […]
धनबाद : दोनों से कई नयी जानकारी नहीं मिली है. दोनों मैंशन में ही रहते हैं. संतोष व पंकज को खोजने में पुलिस खाक छान रही है. हत्या के 31 दिन भी पुलिस को इस दिशा में सफलता हाथ नहीं लगी है. हालांकि पुलिस हत्या को अंजाम देने वाले शूटर पंकज सिंह, विजय व मोनू की खोज में बिहार व यूपी में लगातार छापामारी कर रही है. दो थानेदारों के साथ पुलिस टीम छापामारी में लगी हुई है. पुलस छानबीन में खुलासा हुआ है कि शूटरों को संतोष ने बुलाया था. घटना के दिन से संतोष भी फरार है.
बिहार यूपी में लगातार छापामारी: संतोष व पंकज की खोज में पुलिस टीम ने बिहार व यूपी में शुक्रवार को भी छापामारी की.
जेल में बड़े चाव से गुड़ व चना का नाश्ता किया संजीव सिंह ने
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी झरिया विधायक संजीव सिंह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार रांची में आम कैदियों की तरह रहे़. उन्होंने जेल प्रशासन से किसी चीज की फरमाइश नहीं की़. उन्हें गुरुवार को धनबाद से रांची जेल में शिफ्ट किया गया था. गुरुवार को दोपहर का खाना उन्होंने आम कैदियों की तरह चावल, दाल व सब्जी खायी. रात में आम कैदियों की तरह उन्हें खाना में रोटी दी गयी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह उन्हें नाश्ता में चना व गुड़ दिये गये, जिसे उन्होंने बड़े चाव से खाया. शुक्रवार को उनसे कोई भी मुलाकात करने नहीं आया. वर्तमान मेें जेल में बंद बंदियों से मुलाकात का समय सुबह आठ बजे से 12 बजे तक हो गया है. इस अवधि में कोई भी उनसे मिलने नहीं आया. शुक्रवार को उन्हें जेल में आनेवाले सभी अखबार पढ़ने के लिए दिये गये. शुक्रवार की सुबह उठ कर उन्होंने अपर डिविजन सेल की बाउंड्री के अंदर मॉर्निंग वाक भी किया.
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