रेलवे लाइन शिफ्ट हुई तो धनबाद-रांची की बढ़ेगी दूरी

धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन अगर शिफ्ट होती है तो धनबाद से रांची की दूरी बढ़ जायेगी. इस रेल खंड पर चलने वाली कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित हो जायेगा. धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन शिफ्ट होने की दशा में धनबाद से रांची के लिए सभी ट्रेनें वाया गोमो चलानी पड़ेगी. इससे न सिर्फ दूरी बढ़ेगी, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2017 8:58 AM
धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन अगर शिफ्ट होती है तो धनबाद से रांची की दूरी बढ़ जायेगी. इस रेल खंड पर चलने वाली कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित हो जायेगा. धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन शिफ्ट होने की दशा में धनबाद से रांची के लिए सभी ट्रेनें वाया गोमो चलानी पड़ेगी. इससे न सिर्फ दूरी बढ़ेगी, बल्कि समय भी ज्यादा लगेगा. गोमो में इंजन बदलना पड़ेगा.
इसमें कम से कम 20 मिनट अतिरिक्त समय लगेगा. साथ ही, धनबाद-गोमो रेल खंड काफी व्यस्त रहता है. अभी धनबाद से रांची वाया डीसी लाइन जाने में 4.40 घंटे का समय लगता है. अगर वाया गोमो गयी तो पांच घंटे से अधिक समय लगेगा. साथ ही, किराया भी बढ़ जायेगा. धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को डीजीएमएस, सिंफर जैसी संस्थानें असुरक्षित घोषित कर चुकी हैं. ऐसे में इस रेलखंड पर कभी भी ट्रेनों का परिचालन बंद हो सकता है.
कौन-कौन ट्रेनें होंगी प्रभावित
हावड़ा-रांची शताब्दी
पटना-हटिया पाटलिपुत्र
हटिया-गोरखपुर मौर्य
धनबाद-रांची इंटरसिटी
धनबाद-मुरी सवारी गाड़ी
भागलपुर-हटिया वनांचल एक्सप्रेस
भागलपुर-रांची
दुमका-रांची
रांची-कामाख्या
दरभंगा-हैदराबाद
हावड़ा-भोपाल
खर्च को ले कर फंसा है मामला
आज की बैठक में भी मौजूद अधिकारियों ने कहा कि रेल लाइन का शिफ्टिंग ही उचित रहेगा. लेकिन, शिफ्टिंग पर भारी खर्च आने की संभावना है. लगभग 72 किलोमीटर रेल लाइन शिफ्ट करना पड़ सकता है. शिफ्टिंग पर लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है. राशि को ले कर ही रेलवे बोर्ड एवं कोयला मंत्रालय में विवाद है. अब पीएमओ ही इस पर निर्णय लेगा.
कहीं झरिया वाला हाल नहीं हो जाये
धनबाद के लोगों का मानना है कि धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन का हाल कहीं धनबाद-झरिया रेल खंड वाला नहीं हो जाये. भूमिगत आग के कारण ही धनबाद-झरिया रेल खंड को डेढ़ दशक पूर्व बंद किया जा चुका है. उस वक्त रेल मंत्रालय ने कहा था कि धनबाद-झरिया रेल खंड के नीचे से कोयला निकालने के बाद इसे फिर चालू कर दिया जायेगा. लेकिन, कुछ नहीं हुआ. धनबाद-चंद्रपुरा के बीच पड़ने वाले स्टेशनों के यात्री भी इस आशंका से डरे हुए हैं.
डीजीएमएस दे चुका है रिपोर्ट : डीजीएमएस द्वारा इस संबंध में रिपोर्ट भी दी जा चुकी है. उसमें कहा गया है कि इस रेल खंड पर कई स्थानों से भूमिगत आग गुजरी हुई है. इसलिए इस रूट पर ट्रेनें चलाना खतरनाक साबित हो सकता है. स्थानीय प्रशासन भी इस खंड पर ट्रेन चलाये जाने के खिलाफ है.

Next Article

Exit mobile version