बीआइटी में ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाएं और कॅरियर संगोष्ठी

सिंदरी. बीआइटी सिंदरी की ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल ने बुधवार को ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाएं व कैरियर एक संगोष्ठी का आयोजन किया. निदेशक डॉ डीकेसिंह नेउद्घाटन करते हुए कहा कि अभियंत्रण विद्यार्थियों को शोध व विकास के क्षेत्र में पारंगत करने के लिए लगातार संगोष्ठी, सेमिनार और गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया जा रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2017 8:05 AM
सिंदरी. बीआइटी सिंदरी की ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल ने बुधवार को ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाएं व कैरियर एक संगोष्ठी का आयोजन किया. निदेशक डॉ डीकेसिंह नेउद्घाटन करते हुए कहा कि अभियंत्रण विद्यार्थियों को शोध व विकास के क्षेत्र में पारंगत करने के लिए लगातार संगोष्ठी, सेमिनार और गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने मुख्य वक्ता एनटीपीसी के निदेशक तकनीकी एवं सदस्य एनटीपीसी निदेशक मंडल सह बीआइटी के पूर्ववर्ती छात्र एके झा के प्रति आभार व्यक्त किया.
श्री झा ने कहा कि बीआइटी सिंदरी की सबसे बड़ी समस्या कैंपस है. देश का नौरत्न कंपनियों में प्लेसमेंट के लिए गेट एक मात्र विकल्प है. इसके लिए बीआइटी के छात्रों को कठिन परिश्रम करना होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि अभियंत्रण छात्र फैशन नहीं बल्कि पैशन समझें. बीआइटी को आइआइटी की बराबरी के लिए औसत परिणाम में सुधार लाना होगा. विश्वास जताया कि बीआइटीयन में प्रतिभा है और वह ढृढ़इच्छा शक्ति से आइआइटियन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में कठिन परिश्रम की जरूरत है. छात्रों का झुकाव साफ्टवेयर के प्रति ज्यादा है, क्योंकि साफ्टवेयर आरामदायक है. कड़ी मेहनत दृढ़ इच्छाशक्ति से छात्र ऊर्जा क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.

उन्होंने बीआइटी के लिए एनटीपीसी में शोध की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही. उन्होंने सौर व पवन ऊर्जा को बेहतर विकल्प बताया. ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल के एचओडी डॉ घनश्याम ने भी संबोधित किया. संगोष्ठी के बाद एनटीपीसी श्री झा ने संस्थान के सिविल बिल्डिंग के पास पौधारोपण किया. मौके पर प्रो जीतेंद्र कुमार महतो आदि मौजूद थे.

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