बदइंतजामियां: मूलभूत सुविधाओं का अभाव, बाथरूम तक नहीं, महिला थाना है कि कबूतरखाना!

धनबाद: जिले के एक मात्र महिला थाना का हाल बुरा है. यहां दुनिया भर की बदइंतजामियां हैं. कबूतर दिन भर उड़ान भरते और लोगों के ऊपर बीट करते रहते हैं. इससे थाना के कबूतरखाना होने के भ्रम हो सकता है. थाना में मूलभूत सुविधाएं तक मयस्सर नहीं. एक बड़े से कमरे में पूरा थाना चल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2017 8:10 AM
धनबाद: जिले के एक मात्र महिला थाना का हाल बुरा है. यहां दुनिया भर की बदइंतजामियां हैं. कबूतर दिन भर उड़ान भरते और लोगों के ऊपर बीट करते रहते हैं. इससे थाना के कबूतरखाना होने के भ्रम हो सकता है. थाना में मूलभूत सुविधाएं तक मयस्सर नहीं. एक बड़े से कमरे में पूरा थाना चल रहा है. बरसात में छत से पानी चूता है. गरमी के मौसम में धूप पूरे कमरे में पसरी रहती है. न बाथरूम की व्यवस्था है और न ही शौचालय की. यहां के कर्मी या आनेवाले फरियादी बगल के सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं.
हवालात तक नहीं : अगर किसी महिला को हिरासत में लिया जाता है तो उसे रखने के लिए हवालात तक नहीं है. उसे खुले कमरे में ही रखा जाता है. ऐसे में यदि कोई महिला अपराधी भाग जाती है तो वहां तैनात कर्मचारियों पर कार्रवाई हो जाती है. ऐसे में महिला सिपाही को हिरासत में ली गयी महिला को पकड़ कर रखना पड़ता है. रात में एक ही कमरे में दोनों साथ में रात गुजारते हैं.
गोपनीयता का पालन नहीं : महिला थाना में सिर्फ महिलाओं से जुड़ी समस्या अाती है. खासकर छेड़खानी, दुष्कर्म अथावा पारिवारिक विवाद. निर्देश है कि ऐसे मामलों में पूछताछ में गोपनीयता का पालन करना चाहिए. लेकिन एकांत स्थल नहीं मिलने के कारण लोक-लाज के भय से कई बार पीड़िता सभी बात नहीं बता पाती हैं.
कबूतरों का डेरा : महिला थाना में कबूतरों ने डेरा डाल रखा है. वे दिन भर कमरे में मंडराते रहते हैं और गुटरगूं करते रहते हैं. कभी पुलिसकर्मी तो कभी फरियादी के ऊपर बीट कर देते हैं.
धनबाद थाना के बगल में मॉडल थाना बन रहा है. उसके बाद धनबाद थाना खाली हो जायेगा. वहां पर महिला थाना को शिफ्ट कर दिया जायेगा, जिसमें सभी व्यवस्था होगी.
मनोज रतन चोथे, एसएसपी, धनबाद

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