धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या में गिरफ्तार शूटर अमन सिंह ने पुलिस को हत्या के बाद भागने को लेकर बरगलाने के लिए गलत कहानी सुनायी. शूटर पुलिस को गोविंदपुर से आसनसोल जाने का सही रास्ता नहीं बता पाया. जानकारी के अनुसार रिमांड पर पूछ-ताछ के दौरान अमन सिंह ने पुलिस के सामने पुरानी कहानी दुहरायी. कहा कि हत्या के बाद वे लोग गोविंदपुर आये थे. गोविंदपुर में बाइक छोड़ कर ऑटो से आसनसोल गये थे. आसनसोल में पंकज सिंह ने उनलोगों को बिना नंबर की फॉरच्यूनर गाड़ी उपलब्ध करायी जहां से वे लोग बिहार होते हुए यूपी चले गये. आसनसोल में ही उनलोगों ने हत्या में प्रयुक्त हथियार पंकज को वापस दे दिया था. पुलिस शूटर को ले कर गोविंदपुर मोड़ पहुंची. वहां शूटर से पूछा कि कहां और किस रास्ते से आसनसोल गये थे. कहां बाइक छोड़ी थी. सूत्रों ने बताया कि अमन पुलिस को आसनसोल जाने का सही रास्ता नहीं बता पाया. साथ ही बाइक छोड़ने का भी स्थान नहीं दिखा पाया.
गोविंदपुर में ही हुई हथियार की अदला-बदली : पुलिस अधिकारियों के अनुसार शूटर अमन सिंह एवं अन्य गोविंदपुर से आसनसोल ऑटो से नहीं गये थे. वह पुलिस को बरगला रहा है. पुलिस का मानना है कि हत्या में प्रयुक्त हथियार की अदला-बदली कोलाकुसमा से गोविंदपुर के बीच हुई. ऑटो की बजाय किसी दूसरे गाड़ी से सभी शूटर भागे हैं. पुलिस नये सिरे से मामले की जांच करेगी.
हर गोली पर लिखा है किसी का नाम
शूटर अमन सिंह ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बड़ी सहजता से जवाब दिया. सूत्रों की मानें तो उसने कहा कि हर गोली पर किसी न किसी का नाम लिखा है. एक गोली पर मेरा (अमन का) भी नाम लिखा है. कहा कि उसे नीरज सिंह को मारने के बदले तय राशि नहीं मिली. वह किसी भी कीमत पर सुपारी देने वाले से पैसा वसूल कर रहेगा.
पीएमसीएच में मेडिकल के बाद जेल वापस
एक दिन के रिमांड पर लिये गये शूटर अमन सिंह का बुधवार सुबह पीएमसीएच में मेडिकल कराया गया. उसके बाद उसे धनबाद मंडल कारा वापस भेज दिया गया. इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गयी थी.
कर्ज लेकर आया था धनबाद
नीरज सिंह हत्याकांड में यूपी एसटीएफ के हाथों गिरफ्तार शूटर अमन ने पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान बताया कि वह दो हजार रुपये कर्ज लेकर नीरज सिंह की हत्या करने आया था. उसके पास पैसे नहीं थे. मिर्जापुर में उसे एक भी रुपया पंकज या रिंकू ने नहीं दिया था. बताया था कि धनबाद आने पर पैसा दिया जायेगा. अमन को हथियार कुसुम विहार वाले किराये के मकान में ही उपलब्ध करवाया गया था. हथियार उसे पंकज ने दिलवाया था. वहां पर पहले से मौजूद तीनों शूटर विजय, सतीश और मोनू को भी वहीं हथियार उपलब्ध करवाया गया था. अमन ने बताया कि विदेशी पिस्टल देख कर उसके मन में लालच आ गया था. हत्या के बाद पिस्टल उसे वापस करने का मन नहीं था. मगर काम खत्म करके उसने अपना हथियार पंकज को दे दिया था.
जान को खतरा
अमन को छह पुलिसकर्मी के साथ बुधवार को पीएमसीएच जांच के लिए ले जाया गया. अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी, एएसआइ नलिन रंजन सिंह और चार सिपाही साथ चल रहे थे. अमन ने और फोर्स लेने की सलाह दी. कहा कि उसकी जान को खतरा है. अगर वह यूपी में किसी नेता या बड़े आदमी की हत्या में शामिल होता तो इतने कम फोर्स के साथ मेडिकल करवाने के लिए कभी नहीं भेजा जाता.
…और इधर, धनजी की बेल पर हुई सुनवाई
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में जेल में बंद धनजी उर्फ धनंजय सिंह की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई बुधवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार चौधरी की अदालत में हुई. लोक अभियोजक टीएन उपाध्याय ने अदालत को बताया कि इसमें पुलिस ने केस डायरी नहीं दी है. अदालत ने सुनवाई की तिथि 27 मई मुकर्रर कर दी. बचाव पक्ष से अधिवक्ता जावेद ने पैरवी की. विदित हो कि धनजी को पुलिस ने 30 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अपराधियों ने 21 मार्च 17 को कुंती निवास के सामने घटना को अंजाम दिया था.