सुरक्षा कारणों से डीजीएमएस ने गोविंदपुर कोलियरी की दो नंबर सीम में उत्पादन पर रोक लगा दी है. चार नंबर सीम पूर्व से ही बंद थी. यहां से उत्पादित कोयला पर आश्रित सैकड़ों असंगठित मजदूर व दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. हालांकि प्रबंधन एक सीम चालू करने पर विचार कर रहा है.
कतरास: खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) ने बीसीसीएल के गोविंदपुर क्षेत्र की गोविंदपुर कोलियरी की दो नंबर सीम से उत्पादन पर रोक लगा दी है. ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है. अगले आदेश तक उत्पादन बंद रहेगा. डीजीएमएस ने निर्देश दिया है कि जब तक खदान में स्टाॅपिंग का कार्य पूरा नहीं हो जाता है, उत्पादन ठप रहेगा. चार नंबर सीम से पूर्व से ही उत्पादन बंद था. दोनों सीम से उत्पादन बंद होने से यहां कार्यरत सैकड़ों असंगठित मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है.
414 स्थायी कर्मियों व अधिकारियों के पास भी बहुत अधिक काम नहीं रह गया है. सूत्र बताते हैं कि प्रबंधन पैसे के चलते दो व चार नंबर सीम में हाथ डालने से बच रहा है. इधर, उत्पन्न स्थिति से निबटने व भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए बुधवार को कोलियरी कार्यालय में प्रबंधन ने संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक बुलायी. समिति सदस्यों ने अधिकारियों के समक्ष सुझाव रखा कि कम खर्च में चार नंबर सीम चालू की जा सकती है. अधिकारियों ने नक्शा का अवलोकन करने के बाद कहा कि पहले चार नंबर सीम और उसके बाद दो नंबर सीम को चालू किया जायेगा. बैठक में पीओ एसएस दास, कार्मिक प्रबंधक सुशांत गर्ग, यूनियन नेता दयाशंकर सिंह, बसंत शर्मा, गुणेंद्रनाथ राय, अरविंद कुमार भारती, राजेंद्र बेलदार, पवन कुमार, अजय सिंह, इसलाम अंसारी, निरंजन राय, सुदय सिंह, सुरेंद्र चौहान, आशीष कुमार दास आदि शामिल थे.
वर्षों से नहीं हुई स्टॉपिंग : दोनों सीम में वर्षों से स्टॉपिंग का कार्य नहीं हुआ है. चार नंबर सीम से सिर्फ पंपिंग होती थी, जबकि दो नंबर से उत्पादन होता था. दो दिन पूर्व पहुंची डीजीएमएस की टीम ने निरीक्षण के बाद तत्काल खदान बंद कर दोनों सीम में स्टॉपिंग करने का निर्देश दिया था. सीम दो में 10-12 स्टॉपिंग बनने के बाद ही उत्पादन चालू होगा. वहीं सीम चार में करीब 23-24 स्टॉपिंग का काम करना है. काम पूरा होने में दो माह का समय लग सकता है. यहां कार्यरत कर्मियों में अन्यत्र तबादला हाेने का डर समाया हुआ है.
निकलता है वाशरी जी आठ ग्रेड का कोयला
सीम दो से प्रतिदिन 130-140 टन कोयला का उत्पादन हो हो रहा था. यहां से वाशरी जी आठ ग्रेड का कोयला निकलता था. कोयला की कीमत बाजार में साढ़े छह लाख प्रति एमटी है. यह कोयला लोकल सेल के जरिये बाहर भेजा जाता था. उत्पादन नहीं होने से असंगठित मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. खदान के निकट व कॉलोनी के दुकानदारों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. असंगठित मजदूर नेता जमादार चौहान कहते हैं, ‘लोकल सेल नाममात्र का चल रहा था. खदान बंद होने से मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं.’
डीजीएमएस ने स्टॉपिंग बनाने के लिए अगले आदेश तक खदान बंद कर दिया है. एक नंबर सीम चालू करने के लिए स्टॉपिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. जल्द ही इस सीम से उत्पादन शुरू किया जायेगा.
संजय सिंह, क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी