मनरेगा: हाकिमों पर भारी पड़ रहे बिचौलिये, प्रधान सचिव के आदेश पर भी नहीं लौटाया जॉब कार्ड, भूखे मर रहे मजदूर, मालामाल हो रहे ठेकदार

धनबाद: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत एक तरफ सरकार हर पंचायत में प्रति दिन एक सौ मानव दिवस सृजन का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ, काम के अभाव में मजदूर भूखे मर रहे हैं. जबकि बिचौलिया, ठेकेदार, मुखिया, सरकारी मुलाजिम मालामाल हो रहे हैं. क्या है स्थिति प्रभात खबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 7:15 AM
धनबाद: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत एक तरफ सरकार हर पंचायत में प्रति दिन एक सौ मानव दिवस सृजन का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ, काम के अभाव में मजदूर भूखे मर रहे हैं. जबकि बिचौलिया, ठेकेदार, मुखिया, सरकारी मुलाजिम मालामाल हो रहे हैं.
क्या है स्थिति
प्रभात खबर टीम ने गोविंदपुर अंचल के उदयपुर, मरिचो पंचायत के कई गांवों का दौरा कर पाया कि अधिकांश मजदूर काम के अभाव में बेकार बैठे हैं. घर की महिलाएं कुछ कर घर का खर्चा चला रही हैं. इन पंचायतों के नब्बे प्रतिशत से अधिक मजदूरों का जॉब कार्ड बिचौलिये के कब्जे में है. अधिकांश मजदूरों को छह माह से भी अधिक समय से कोई काम नहीं मिला है. काम के अभाव में कई घरों के पुरुष रोजगार की तलाश में पलायन कर चुके हैं. जो पुरुष सदस्य व महिलाएं बची हैं वे जहां-तहां मजदूरी कर रहे. उदयपुर पंचायत के हुचुकटांड़, मरिचो पंचायत के ताराजोरी, बेहराडीह, भोलमारा के मजदूरों ने कहा कि उन लोगों का जॉब कार्ड कई माह से बिचौलिये के जिम्मे है.
जन सुनवाई के नाम पर खानापूर्ति
प्रखंड व पंचायत स्तर पर बिचौलिये इस कदर हावी हैं कि उन्हें न हाकिमों का डर है और न सरकार का. 10 अप्रैल को गोविंदपुर में मनरेगा की हुई प्रखंड स्तरीय जन सुनवाई के दौरान भी मजदूरों ने जॉब कार्ड बिचौलिया के यहां जमा रहने की शिकायत की थी. उस वक्त कहा गया था कि एक सप्ताह में सभी मजदूरों का जॉब कार्ड वापस हो जायेगा. प्रभात खबर में बिचौलियों के यहां जॉब कार्ड रखने की खबर छपने पर राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने तत्काल सभी मजदूरों का जॉब कार्ड वापस करने का निर्देश दिया था. प्रधान सचिव के निर्देश के 48 घंटे बाद भी किसी मजदूर का जॉब कार्ड वापस नहीं हुआ. बिचौलिये की मर्जी पर ही सब काम हो रहा है.
सभी मजदूरों का जॉब कार्ड वापस कराने के लिए बीडीओ को निर्देश दिया गया है. अगर इसके बाद भी जॉब कार्ड वापस नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी, पंचायत सेवक के खिलाफ कार्रवाई होगी.
गणेश कुमार, डीडीसी, धनबाद.

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