झरिया में पिता-पुत्र के जमींदोज होने की घटना. हाइकोर्ट का स्वत: संज्ञान, कहा

धनबाद/रांची : झरिया के फुलारीबाद के इंदिरा चौक पर पिता-पुत्र के जमींदोज होने की घटना पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को जस्टिस एसएन पाठक ने कहा कि यह आश्चर्यजनक व शर्मनाक घटना है. सरकार, डीजीएमएस, सीसीएल व बीसीसीएल की ओर से ठोस कदम नहीं उठाये जाने की वजह से बार-बार गरीब लोगों की जान चली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2017 6:36 AM

धनबाद/रांची : झरिया के फुलारीबाद के इंदिरा चौक पर पिता-पुत्र के जमींदोज होने की घटना पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को जस्टिस एसएन पाठक ने कहा कि यह आश्चर्यजनक व शर्मनाक घटना है. सरकार, डीजीएमएस, सीसीएल व बीसीसीएल की ओर से ठोस कदम नहीं उठाये जाने की वजह से बार-बार गरीब लोगों की जान चली जाती है.

झरिया की कोलियरियों में आग लगने के कारण वहां मनुष्य जीवन खतरे में है. वहां से निकलनेवाली गैस लोगों के लिए हानिकारक है. ऐसे में सरकार इस क्षेत्र को असुरक्षित बता कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है. पीड़ित परिवारों को मुआवजा आदि देकर ऑथोरिटी लोगों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकती है.

अदालत ने कहा कि मानवाधिकार व पर्यावरण का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है. सरकार व अन्य ऑथोरिटी इन मुद्दों से अपना हाथ नहीं खींच सकती हैं. अब तक सरकार की ओर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है. ऐसे में कोर्ट मूकदर्शक बन कर नहीं रह सकता है.
जनता को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकती ऑथोरिटी

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