धनबाद : सिविल कोर्ट धनबाद परिसर में विकास सिंह के साथ हुई मारपीट के मामले की सुनवाई मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी मीस तबिंदा खान की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह, मुन्ना सिंह व मृत्युंजय सिंह गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने दंप्रसं की धारा 317 के तहत प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया. पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच नीरज सिंह हत्याकांड में जेल बंद जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह (साक्षी) की अदालत में पेशी करायी.
उसने अपनी गवाही में अदालत को बताया कि 4 सितंबर 08 को डेढ़ बजे दिन में विकास कुमार, दुर्गा चरण और मैं एडीजे तीन में एसटी केस नंबर 423/04 में सह अभियुक्त थे. जैसे ही हमलोग कोर्ट परिसर से बाहर जाने लगे तो मुकेश सिंह को खींच कर छोटे सिंह अपनी गाड़ी 0045 और 4500 में ले जाने लगे. मुन्ना और मृत्युंजय भी थे. सभी मिलकर विकास कुमार को ले जाने लगे थे.
सीढ़ी पर डिस बैलेंस होने के कारण विकास की गाड़ी 7500 को धक्का मार कर धमकी देकर भाग गये. उसने कोर्ट में घुस कर अपनी जान बचायी. जिन पर केस हुआ सभी को पहचानता हूं. यह लिखित आवेदन विकास सिंह के द्वारा लिया गया उस पर विकास सिंह और मेरा हस्ताक्षर है. इस केस में अभियोजन पूर्व में ही चार गवाहों की गवाही करा चुका है. सहायक लोक अभियोजक सोनी कुमारी ने अभियोजन की ओर से साक्षी पिंटू सिंह का मुख्य परीक्षण कराया. जबकि प्रतिपरीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने किया. अब इस मामले में सुनवाई 30 जून 17 को होगी.
महिला के साथ मारपीट में तीन वर्ष की सजा : घर में घुस कर सुनीता व उसके पति के साथ मारपीट करने के एक मामले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सत्य प्रकाश की अदालत ने जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जीतपुर निवासी गौतम पासवान को भादवि की धारा 324 में डेढ़ वर्ष कैद, दो हजार जुर्माना जबकि भादवि की धारा 452 में तीन वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. फैसला सुनाये जाने के वक्त लोक अभियोजक त्रिभुवन नाथ उपाध्याय भी मौजूद थे. घटना सात जुलाई 2010 को करीब नौ-दस बजे की है.
छेड़खानी में एक वर्ष की कैद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के प्रयास के एक मामले में मो आलम को भादवि की धारा 354 में दोषी पाकर एक वर्ष की सजा सुनायी.
भाजपा विधायक संजीव कोर्ट में नहीं हुए हाजिर
आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले की सुनवाई मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी स्वाती विजय उपाध्याय की अदालत में हुई. अदालत में पुलिस ने नीरज सिंह की डेथ रिपोर्ट दाखिल नहीं की. भाजपा के झरिया विधायक संजीव सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता जावेद ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. इस केस में रुस्तम अंसारी भी सह अभियुक्त है. विदित हो कि 8 दिसंबर 14 को विधान सभा चुनाव के दौरान बरारी मोड़ में पोल पर पार्टी का झंडा लगाया गया था. उड़नदस्ता दंडाधिकारी चुड़का मुर्मू ने जोड़ापोखर थाना में संजीव सिंह, नीरज सिंह व रुस्तम अंसारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.