हरिहरपुर थाना के एसपीओ प्रभु दयाल पांडेय को माओवादी दस्ता ने घर की चौखट पर गोली मारी. वह काफी देर तक जमीन पर पड़े रहे अौर खून बहता रहा. प्रभु की पत्नी शकुंतला देवी ने बताया कि उनके पति गांव में मड़ई पूजा (काली पूजा) कराकर लौटे थे. गरमी के कारण कपड़े खोल व आंगन में पानी पी कर चौखट से जैसे ही जीटी रोड की ओर जाने लगे, पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने उनको पकड़ लिया. दीवार के सहारे खड़ा कर गोलियां दागने लगे. वह बाहर निकली तो देखा कि पति औंधे मुंह जमीन पर पड़े हैं.
Advertisement
नक्सली आतंक: तोपचांची में माओवादियों ने एसपीओ को भूना
भाकपा माओवादियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में मंगलवार की रात पुलिस के एक एसपीओ की हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने वहां परचा भी छोड़ा. पुलिस मामले की जांच कर रही है. धनबाद/तोपचांची: हरिहरपुर थाना क्षेत्र के जीटी रोड स्थित पावापुर मोड़ पर भाकपा माओवादियों ने मंगलवार की रात […]
भाकपा माओवादियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में मंगलवार की रात पुलिस के एक एसपीओ की हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने वहां परचा भी छोड़ा. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
धनबाद/तोपचांची: हरिहरपुर थाना क्षेत्र के जीटी रोड स्थित पावापुर मोड़ पर भाकपा माओवादियों ने मंगलवार की रात नौ बजे पुलिस के एसपीओ (स्पेशल पुलिस अफसर) प्रभुदयाल पांडेय (45) की गोली मारकर हत्या कर दी. नक्सलियों ने प्रभु पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया. गोली मारे जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए सीआरपीएफ के जवान जालान हॉस्पिटल, धनबाद ले गये, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
शरीर से खून बह रहा है. बगल के दुकानदार व अन्य लोग गोली चलने की घटना से अनभिज्ञ बने रहे. बाद में ग्रामीण व आसपास के लोगों ने प्रभु को सीएचसी तोपचांची में भर्ती कराया. गंभीर हालत देख डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए धनबाद ले जाने की सलाह दी. सीआरपीएफ जवानों के साथ जख्मी को धनबाद के जालान हॉस्पिटल ले जाया गया. घंटे भर इलाज के बाद प्रभु ने दम तोड़ दिया. सीआरपीएफ के वरीय अफसर व बड़ी संख्या में जवान हॉस्पिटल पहुंचे. सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि गोली कैसे लगी, किसने मारी, यह पता नहीं है. वह इलाज के लिए जख्मी को लाये थे.
गांव के पुजारी थे प्रभुदयाल: प्रभुदयाल गांव में पुजारी भी थे. पुलिस की ओर से प्रतिमाह उन्हें पैसे मिलते थे. प्रभुदयाल को दो लड़की व एक लड़का है. दोनों लड़कियों की शादी हो चुकी है. लड़का ट्रक पर काम करता है. अभी ट्रक में आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में है. घटना के वक्त पति व पत्नी घर पर थे. प्रभुदयाल पांडेय को ग्रामीण लबरा पांडेय के नाम से बुलाते थे. गोली चलाने के बाद भाकपा माओवादी दस्ते ने उनकी पत्नी से जय हिंद कहा और हस्तलिखित पर्चा घर के दरवाजे पर फेंक कर पीछे पारसनाथ पहाड़ी की तलहटी में बसे मंझलीटांड़ होते हुए ढोलकट्टा नाला होते पहाड़ी में चले गये. परचा में पुलिस दलाल/एसपीओ लोधरा पांडेय को मौत की सजा दो, पुलिस दलाल/एसपीओ लोधरा पांडेय की यही सजा, पुलिस दलाल/एसपीओ को गांव समाज से बहिष्कार करें, मार भगावें, चिह्नित कर मौत की सजा दें, लिखा था.
कई एसपीओ घर छोड़कर फरार
गोली चलने के बाद भी स्थानीय पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. इसको ले ग्रामीणों में आक्रोश था. लोगों का कहना था कि जिस पुलिस के लिए जान गयी, आज उसके घर वह नहीं पहुंची. परिजन रोते-बिलखते कह रहे थे- ‘जे पुलिस के काम के चक्कर में जान गेलो, आज उ कहां हो.’ एसपीओ की हत्या के बाद क्षेत्र के कई एसपीओ अपना घर छोड़कर फरार हो गये हैं. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
सरकारी सुरक्षा तंत्र को लेकर उठे सवाल
तेपचांची. पारसनाथ पहाड़ी की चारों ओर सीआरपीएफ कैंप. घटनास्थल से पांच सौ मीटर की दूरी पर धनबाद और गिरिडीह जिले की सीमा, जहां से पारसनाथ की पहाड़ियों की शृंखला शुरू होती है. महीने के बीस दिन जिला पुलिस, जगुआर, एसटीएफ, सीआरपीएफ आदि की एलआरपी व स्पेशल सर्च ऑपरेशन चलता रहता है. सुरक्षा की ऐसी तगड़ी व्यवस्था के बीच नक्सली एसपीओ की गोली मारकर हत्या कर देते हैं और आसानी से पहाड़ियों में चले जाते हैं. दस्ते के सदस्य लगातार पिछले कई दिनों से सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में लगातार हरिहरपुर व तोपचांची थाना क्षेत्र में बैनर टांग कर, पोस्टर साटकर व पर्चा वितरण कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे. पुलिस का खुफिया तंत्र, सीआरपीएफ का सूचना तंत्र आदि को धत्ता बताते हुए नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया है. नक्सली घटना को अंजाम देने के बाद पारसनाथ पहाड़ी को अपना सेफ जोन मानते हैं.
लाइट कटने पर दिया घटना को अंजाम
नक्सलियों को मालूम था कि तोपचांची स्थित साहुबहियार पावर सब स्टेशन में रात के आठ बजे से दस बजे तक लाइट कटी रहती है. नक्सली लाइट कटने के आधे घंटे के बाद घटना को अंजाम देकर रात के अंधेरे में चलते बने. ग्रामीणों ने साहस जुटाया और परिवार के लोगों को रोड के किनारे लाकर बैठाया और घर के बाहर रखे पोस्टर को पढ़ा एवं घटनास्थल को देखा.
पूर्व में मुखबिरी के आरोप में नेरो में की थी ग्रामीण की गला रेत कर हत्या
नक्सल प्रभावित गांव नेरो में एक दशक पूर्व नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में गला रेत कर एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी. एक दशक के बाद दर्जनों ग्रामीण हरिहरपुर व तोपचांची थाना के एसपीओ का काम करते हैं. कई धमकी मिलने के बाद पुलिस का काम छोड़कर मजदूरी आदि कर रहे हैं.
उपवास पर थे पति-पत्नी
मृतक की पत्नी शकुंतला देवी ने भरे गले से कहा कि मड़ई पूजा के कारण हम दोनों उपवास पर थे. पूजा की जिम्मेवारी पति पर थी. पाठा बलि का प्रसाद बना रहे थे. प्रसाद जैसे का तैसे अधपका पड़ा है और भगवान को क्या मंजूर है यह नहीं पता. पति की मौत हो गयी है. लेकिन देर रात तक पत्नी को किसी ने जानकारी नहीं दी थी.
एसपीओ कौन?
स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) को संबंधित थानेदार की अनुशंसा पर एसएसपी के आदेश पर रखा जाता है. गोपनीय रूप से एसपीओ को नियुक्त किया जाता है. पुलिस के लिए एसपीओ इलाके की गतिविधियों की सूचना देने का काम करता है. बदले में कुछ रकम मिलती है. यह कोई नौकरी नहीं है.
पावापुर जीटी रोड से सटे गांव में प्रभु दयाल पांडेय के घर रात में दो-तीन लोग गये और गोली मार दी. इलाज के दौरान हॉस्पिटल में मौत हो गयी. प्रभुदयाल का पुलिस से कोई संबंध नहीं था. हो सकता है कि वह किसी पुलिस अफसर के लिए सूचना देने का काम करता हो. जिस तरह की घटना हुई, उससे लगता है कि अपराधियों का हाथ है. प्रभु का किसी से जमीन विवाद भी चल रहा था. पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है.
मनोज रतन चोथे, एसएसपी, धनबाद
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement