लावारिस बच्ची के लिए दिन भर शहर में हंगामा

धनबाद : भौंरा के डुमरी बस्ती से अज्ञात अवस्था में बरामद लावारिस नवजात बच्ची को लेकर गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हुआ. कंबाइंड बिल्डिंग स्थित सीडल्ब्यूसी ऑफिस लेकर पीएमीसएच फिर डीसी आवास के पास दिन भर हंगामा होता रहा. काफी मशक्कत के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने नवजात बच्ची को वात्सल्य, स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी, हजारीबाग भेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2017 7:26 AM
धनबाद : भौंरा के डुमरी बस्ती से अज्ञात अवस्था में बरामद लावारिस नवजात बच्ची को लेकर गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हुआ. कंबाइंड बिल्डिंग स्थित सीडल्ब्यूसी ऑफिस लेकर पीएमीसएच फिर डीसी आवास के पास दिन भर हंगामा होता रहा. काफी मशक्कत के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने नवजात बच्ची को वात्सल्य, स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी, हजारीबाग भेज दिया. इधर बच्ची नहीं मिलने से नाराज लोगों ने शाम में डीसी आवास पहुंच कर हो-हंगामा किया.
सीडब्ल्यूसी कार्यालय को घेरा : सुबह 11 बजे गांव के लोगों ने सीडब्ल्यूसी कार्यालय को घेर लिया. यहां बैठे सदस्य शंकर रवानी सहित अन्य सदस्यों को बंधक बना लिया. लोगों की भीड़ सदस्यों की एक भी बात नहीं मान रहे थे. 11 बजे से 3 बजे तक सदस्यों को कार्यालय में ही बंधक रखा गया. सदस्य बार-बार पुलिस पदाधिकारी को फोन करते रहे, लेकिन किसी से बातचीत नहीं हुई.
पीएमसीएच में पुलिस बुलानी पड़ी
सीडब्ल्यूसी के सदस्य दोपहर तीन बजे यहां से किसी तरह निकल कर पीएमसीएच पहुंचे. यहां भी लगभग एक दर्जन गांव वालों ने घेर लिया. डीएसपी आरसी राम को फोन किया गया, तब सरायढेला थाना से कुछ पुलिसकर्मी पीएमसीएच पहुंचे. यहां चंपा देवी बच्ची को नहीं ले जाने की बात फिर से करने लगी. किसी तरह से सदस्यों ने रेड क्रास के एबुंलेंस से बच्ची को हजारीबाग के लिए रवाना किया. जानकारी के अनुसार बच्ची को जेजे एक्ट के तहत स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी भेजा गया है. नियम के तहत सभी प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद बच्ची को गोद दिया जायेगा. गोद लेने के लिए www.cara.org पर आवेदन करना जरूरी होगा.
फ्लैश बैक
27 मई (शनिवार की सुबह) को भौंरा की डुमरी बस्ती के पास झाड़ियों में फेंकी एक नवजात बच्ची वहीं के फेकन तुरी की पत्नी चंपा देवी को मिली. वह बच्ची को उठाकर अपने घर ले गयी. सीडब्ल्यूसी के पदाधिकारियों ने नवजात को इलाज के लिए पीएमसीएच में इलाज के लिए भेजा. बच्ची के दाहिने कान के कुछ हिस्सों को चींटियों ने काट खाया था. इसके बाद बच्ची को एनआइसीयू में भरती कराया गया था. चंपा किसी भी कीमत पर बच्ची को देना नहीं चाह रही थी.
बच्ची को ऐसे नहीं दिया जा सकता
सीडब्ल्यूसी सदस्य शंकर रवानी का कहना है कि बच्ची को लेकर बेवजह हंगामा किया गया. 11 बजे से तीन बजे तक हमें कार्यालय में रखा गया. तत्काल कोई मदद नहीं मिल पायी. समाज कल्याण विभाग से हालांकि मदद मिली. नियमानुसार हम बच्ची को चंपा या उसके परिजनों को नहीं दे सकते थे. महिला बच्ची के लिए जैसा कर रही थी, जरूर इसके पीछे किसी का हाथ था. इसकी जांच की हम मांग करते हैं.
डीसी आवास पहुंचे दर्जनों लोग
पीएमसीएच से बच्ची को ले जाने के बाद लोग शाम पांच बजे डीसी आवास पहुंच गये. यहां सभी बच्ची को दिलाने की मांग करने लगे. इसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी. किसी तरह महिलाएं शांत हुईं. शाम होने के कारण महिलाओं को शुक्रवार को डीसी से मिलने के लिए बुलाया गया.

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