तो क्या कोयला मजदूरों को संदेश दे दिया गया?
अधिकारियों के वेतन मद में जब 15 % वृद्धि तो कर्मियों को कैसे मिलेगा ज्यादा धनबाद : देश के केंद्रीय सार्वजिनक लोक उपक्रमों के अधिकारियों के तीसरे वेतन संशोधन कमेटी की अनुशंसा को सचिवों की कमेटी द्वारा स्वीकार करने में कोयला मजदूरों के लिए कोई संदेश है? यह विषय आज कोयला मजदूरों एवं मजदूर संगठनों […]
अधिकारियों के वेतन मद में जब 15 % वृद्धि तो कर्मियों को कैसे मिलेगा ज्यादा
धनबाद : देश के केंद्रीय सार्वजिनक लोक उपक्रमों के अधिकारियों के तीसरे वेतन संशोधन कमेटी की अनुशंसा को सचिवों की कमेटी द्वारा स्वीकार करने में कोयला मजदूरों के लिए कोई संदेश है? यह विषय आज कोयला मजदूरों एवं मजदूर संगठनों में चर्चा का विषय बना हुआ है. अधिकारियों का नया वेतनमान एक जनवरी 2017 से लागू होना है. जबकि कोयला मजदूरों का दसवां वेतन समझौता एक जुलाई 2016 से लागू होना है. वेतन समझौता अविलंब करने और सीएमपीएफ का इपीएफओ में विलय के विरोध में पांच केंद्रीय मजदूर संगठनो ने 19 जून से 21 तक हड़ताल का एलान किया है.
क्या है संदेश : अधिकारियों के वेतन संशोधन के लिए गठित कमेटी ने वेतन एवं पर्क भत्तों में बढ़ोतरी के बजाय कटौती करने की अनुशंसा की थी. पिछली बार 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी वेतन मद में हुई थी. जबकि इस बार 15 प्रतिशत ही की गयी है. जानकारों के मुताबिक कमेटी की इस अनुशंसा को सचिवों की कमेटी ने स्वीकृति देकर कोयला मजदूरों को साफ़ संदेश दे दिया कि जब अधिकारियों की वेतन वृद्धि 15 प्रतिशत तो कोयला मजदूरों की वेतन वृद्धि इससे कम ही होगी.
मजदूर संगठनों ने वेतन में कम से कम 50 प्रतिशत वृद्धि की मांग की है. जबकि 9 वें वेतन समझौता में 25 प्रतिशत वेतन वृद्धि और 4 प्रतिशत विशेष भत्ता यानी कुल 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. दसवें वेतन समझौता के लिए जेबीसीसीआइ और सब कमेटी की कुल छह बैठक हो चुकी है. पर अभी तक प्रबंधन ने यह नहीं कहा है कि कितने प्रतिशत की वृद्धि देंगे. हड़ताल के नोटिस के बाद प्रबंधन ने 6 जून को जेबीसीसीआइ की बैठक बुलायी है.
देखना दिलचस्प होगा कि प्रबंधन क्या पक्ष रखता है. कुछ जानकर कहते है की सरकार के इस रुख से मजदूर संगठनों और सरकार में टकराव और बढ़ेगा. यूनियन नेताओं ने कई बार यह एलान किया है की पिछली बार से कम किसी कीमत पर नहीं लेंगे. इतना तो तय है कि बैठक में प्रबंधन यह जरूर कहेगा कि अधिकारियों से अधिक हम नहीं दे सकते हैं. तो सचिवों की कमेटी के फैसले के बाद क्या लगभग साढ़े तीन लाख कोयला कामगारों का दसवां वेतन समझौता और लटकेगा?