कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव विस्मिता तेज ने कहा कि भू-धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करना सरकार की प्राथमिकता है. झरिया क्षेत्र में कुल 595 अग्नि प्रभावित क्षेत्र हैं. इनमें 81 क्षेत्र अति संवेदनशील हैं. पहले चरण में 81 सबसे संवेदनशील क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया है. जहां से सबसे पहले लोगों को बीसीसीएल व जेआरडीए प्राथमिकता के आधार पर अविलंब शिफ्ट करायें. वह शनिवार को धनबाद में झरिया पुनर्वास की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थीं. इस दौरान उन्होंने रिवाइज झरिया मास्टर प्लान को जल्द कैबिनेट से मंजूरी मिलने के संकेत दिये. साथ ही वर्ष 2019 के कटऑफ डेट को मानते हुए पुनर्वास कार्य को आगे बढ़ाने पर जोर दिया. बता दें कि 81 अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में 14,460 परिवार रहते हैं. इनमें 1,860 रैयत व करीब 12,600 परिवार अवैध कब्जेधारी हैं. इन्हें शिफ्ट करने की जिम्मेवारी बीसीसीएल व झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार को दी गयी है. अतिरिक्त सचिव श्रीमती तेज ने कहा कि जब आवास बनकर तैयार हैं, तो फिर शिफ्ट करने में देरी क्यों हो रही है. उन्होंने प्रभावित परिवारों को निर्धारित समय सीमा में शिफ्टिंग कराने पर जोर दिया. इस दौरान बीसीसीएल की ओर से शिफ्टिंग सहित अन्य प्लान को विस्तार से रखा गया. साथ ही उपायुक्त माधवी मिश्रा ने भी झरिया पुनर्वास के तहत अब तक हुए कार्य व आगे की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी. बैठक में बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता, उपायुक्त माधवी मिश्रा, निदेशक तकनीकी (परिचालन) संजय मिश्रा, निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना) एस नागचारी, डीपी मुरली कृष्ण रमैय्या, डीएफ राकेश कुमार सहाय समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे. बेहतर सुविधा देने पर दिया जोर : अतिरिक्त कोयला सचिव विस्मिता तेज ने उस टाउनशिप में, जहां लोगों को शिफ्ट करने की योजना है, पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान, शॉपिंग कांप्लेक्स, सामुदायिक केंद्र, कौशल विकास केंद्र जैसी बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया. भूमिधारक को नियमानुसार मुआवजा देने की बात कही.
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