हजारीबाग रोड : अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा- बच्चा की मौत मामले पर स्वास्थ्य विभाग सोमवार को हरकत में दिखा. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम बगोदर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बच्चा सिंह के नेतृत्व में सरिया के बागोडीह मोड़ स्थित मां तारा क्लिनिक पहुंची. यहां अस्पताल के मेन गेट पर ताला लटका मिला. साथ ही अस्पताल के बोर्ड के नामोनिशान भी नहीं था. मानो यहां कोई क्लिनिक या नर्सिंग होम कभी चलता ही ना हो. आसपास के लोगों ने चिकित्सा पदाधिकारी को बताया कि यहां पर मरीजों को देखने के अलावा ऑपरेशन भी किये जाते थे. आये दिन यहां मरीजों की भीड़ लगी रहती थी. इस पर जांच टीम ने स्थानीय लोगों से इसकी लिखित शिकायत मांगी, ताकि विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा सके, लेकिन कोई लिखित देने को तैयार नहीं हुआ. डॉ बच्चा सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उक्त नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया था, जिसकी जांच को टीम पहुंची है. अगर मृतक पक्ष या स्थानीय लोग लिखित शिकायत करते हैं तो अस्पताल के संचालक, भवन के मालिक एवं इससे जुड़े कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. कहा कि उक्त नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन की भी जांच की जाएगी.
क्षेत्र में कहीं भी अवैध ढंग से नर्सिंग होम संचालन की सूचना मिली तो संचालक पर कार्रवाई होगी. मौके पर बीपीएम लक्ष्मी नारायण गुप्ता, प्रखंड लेखा सहायक पदाधिकारी पंकज कुमार, एएनएम जयमनी कुमारी भी मौजूद थे. कई नर्सिंग होम की की जांच, दस्तावेज जमा करने का निर्देशसोमवार को बगोदर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बच्चा सिंह सरिया के कई स्थानों पर अवैध ढंग से नर्सिंग होम संचालन की सूचना पर जांच को पहुंचे. जांच टीम सरिया के बागोडीह चौक स्थित कौशल्या नर्सिंग होम, नावाडीह चौक स्थित सरिया क्लिनिक, मुख्य मार्ग स्थित आशीर्वाद नर्सिंग होम एवं बागोडीह चौकी स्थित मां तारा क्लिनिक गयी.
इस दौरान सरिया क्लिनिक, मां तारा क्लिनिक एवं आशीर्वाद नर्सिंग होम को बंद पाया गया. चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि कौशल्या नर्सिंग होम की जांच के दौरान संचालक ने झारखंड सरकार से रजिस्ट्रेशन की बात कही, लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं कर पाया. संचालक सूरज कुमार को निर्देश दिया गया है कि मंगलवार तक नर्सिंग होम का मान्यता पत्र, कचरा प्रबंधन पत्र, डॉक्टर सर्टिफिकेट एवं क्लिनिक में कार्यरत सभी कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता सर्टिफिकेट सहित अन्य कई दस्तावेज की मांग की गयी है. अगर संचालक ने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया तो विभाग कड़ी कार्रवाई कर अस्पताल को सील करेगा. साथ ही बंद पड़े नर्सिंग होम के संचालकों को भी नोटिस भेजकर जल्द ही सारा दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जायेगा. तय समय के अंदर इनके संचालकों ने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये तो उनपर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कहा कि अब स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करेगी. विभाग के मानकों के अनुसार इन अस्पतालों का संचालन किया जाता है कि नहीं, इसका भी मूल्यांकन किया जायेगा. इसमें जो भी अस्पताल खरा नहीं उतर पायेगा, उसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा.