धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या का आरोपी सुंदर महतो उर्फ रितेश यादव ने नाबालिग होने का लाभ उठाने के उद्देश्य से फर्जी आधार कार्ड बनवाया था. इसी आधार पर उसने खुद को नाबालिग भी साबित किया था. इस वजह से उसे हाल ही में न्यायालय के निर्देश पर धनबाद जेल से बाल संप्रेषण गृह भेज दिया गया था. लेकिन सीआइडी की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने अब उसे बालिग मानते हुए आगे मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है. सीआइडी ने जांच के दौरान पाया है कि सुंदर महतो का असली नाम ‘रितेश यादव’ है. वह उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ का रहनेवाला है. इसी पते पर उसने अपना असली आधार कार्ड बनवाया था. इसमें उसकी जन्मतिथि का उल्लेख 15 जुलाई 2002 है. सीआइडी ने इस आधार कार्ड को यूपी में उसे घर में छापेमारी के दौरान बरामद किया था. उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले केस से जुड़े सीआइडी के अधिकारियों को भी जानकारी मिली थी कि न्यायालय में रितेश यादव ने अपनी फर्जी आधार कार्ड प्रस्तुत कर खुद के नाबालिग होने की दावेदारी की है. जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर नाबालिग होने के आरोप में आगे मुकदमा चलाते हुए जेल से संप्रेषण गृह ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. इसके बाद रितेश यादव को बाल संप्रेषण गृह में ट्रांसफर भी कर दिया है. लेकिन सीआइडी के पास पहले से रितेश यादव का असली आधार कार्ड मौजूद था. इसी के आधार पर सीआइडी ने मामले की जांच शुरू की थी. इसके साथ ही रितेश यादव के खिलाफ बालिग होने से संबंधित साक्ष्य एकत्र कर उसके नाबालिग होने से संबंधित आदेश के खिलाफ सीआइडी ने न्यायालय में याचिका दायर की थी.
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