धनबाद के सामुदायिक भवन कोयला नगर में आयोजित चार दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम काला हीरा के तीसरे सोमवार को दिन नाटक, नृत्य व गायन में कलाकारों ने समां बांध दिया. आज काला हीरा के निदेशक राजेंद्र प्रसाद, मेंबर पूनम प्रसाद ने ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल व पूर्व अध्यक्ष अशोक मानव, आइटीसी के उपाध्यक्ष व जमशेदपुर की सांस्कृतिक संस्था पथ के निदेशक मो. निजाम और संस्था की छवि दास को स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया. मुख्य अतिथि अशोक मानव ने कहा कि कलाकारों को काला हीरा जैसा प्रतिष्ठित मंच देना कठिन काम है. इसे काला हीरा के निदेशक राजेंद्र प्रसाद बखूबी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कलाकारों के लिए जो सुविधाएं व राशि निर्गत करती है, वह राशि पूरी तरह संस्थाओं एवं कलाकारों के पास नहीं पहुंच पाती. सरकार इसे संज्ञान ले, तभी देश के सांस्कृतिक एवं शास्त्रीय विरासत का संपूर्ण विकास होगा. ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल की अष्टभुजा मिश्रा ने कहा कि काला हीरा शास्त्रीय एवं सांस्कृतिक कलाकारों के कलाओं को जीवित रखने और सम्मानित करने का बहुत बड़ा मंच है. असम से आयी लोक नृत्य में पारंगत स्मृति कश्यप ने कहा कि काला हीरा में परफॉर्मेंस करने के लिए साल भर इंतजार करती हूं. यहां देश भर के कलाकारों से मिलकर इन अनमोल पलों को स्मृति में सहेज कर जाती हूं.
गीत-नृत्य पर मुग्ध हुए दर्शक :
सोमवार को कार्यक्रम की शुरुआत हुनर संस्था आजमगढ़ के कलाकारों ने गणेश वंदना पर मोहक नृत्य की प्रस्तुति से की. वहीं स्थानीय एवं अन्य राज्यों के कलाकारों ने देश के हर प्रांत के लोक नृत्य भरतनाट्यम, ओडीसी, वेस्टर्न डांस, गायिकी, गजल गायन, डुएट, मोनो एक्ट शास्त्रीय, समूह शास्त्रीय नृत्य आदि पर मनमोहक प्रस्तुति दी. हर परफॉर्मेंस के बाद हॉल में दर्शकों की तालियां गूंज रही थी. कार्यक्रम के दौरान अक्षय कुमार की फिल्म मिशन रानीगंज के अभिनेता धनबाद निवासी संजय भारद्वाज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.इन्होंने दिया निर्णय :
निर्णायक मंडली में आइटीसी उत्तर प्रदेश के प्रभारी डॉ अष्टभुजा मिश्रा, अलका सिंह शर्मा (अंतरराष्ट्रीय रंग महोत्सव की आयोजक, डायरेक्टर नाटरांजलि थियेटर आर्ट्स), फिल्म मेकर एंड सिंगर गौरव शर्मा (डायरेक्टर डी मीडिया प्रोडक्शन आगरा) थे. काला हीरा कार्यक्रम के समस्त विजेताओं की घोषणा अंतिम दिन की जायेगी.शापित पुत्र नाटक ने दिया संदेश :
आज की नाट्य प्रस्तुति में निर्देशक और लेखक राजगोपाल पाढ़ी के निर्देशन में शापित पुत्र नाटक का मंचन किया गया. यह एक पिता-पुत्र की कहानी है. इसमें एक पिता अपने बेटे की पढ़ाई के लिए घर-जमीन गिरवी रख देता है. लेकिन बेटा मजिस्ट्रेट बन घर-परिवार से दूरी बना लेता है. बाद में परिस्थिति वश उसे अपनी गलती पर पश्चाताप होता है और फिर वह पिता के चरणों में गिरकर माफी मांगता है. काला हीरा के उद्घोषक एआइटीसी के आफताब राणा और रविकांत कुमार सिंह उर्फ रवि कुमार ने शायरी व गायकी से दर्शकों का मनोरंजन किया.सांस्कृतिक विरासत सहेजने की कोशिश :
स्पोक्समैन ऑल इंडिया थियेटर काउंसिल के आफताब राणा ने कहा किहमारी सांस्कृतिक विरासत बहुत समृद्ध है. इसे सहेजने की जरूरत है. इसे काला हीरा बखूबी कर रहा है. हर प्रांत के कलाकारों की प्रस्तुति लाजवाब है. इनका सम्मान कर संस्था इनका हौसला आफजाई कर रही है. संस्था को शुभकामनाएं. वहीं आजमगढ़ केे सुनील विश्वकर्मा ने कहा कि विगत आठ साल से काला हीरा इतने भव्य कार्यक्रम का सफल आयोजन कर रहा है. अब तो कलाकारों को भी इस कार्यक्रम का इंतजार रहता है. इस मंच से कलाकार कुछ सीखकर कुछ देकर जाते हैं. काला हीरा तरक्की करता रहे, हमारी यही शुभेच्छा है.
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