Dhanbad Sports : गार्ड की नौकरी के साथ फुटबॉल के राष्ट्रीय रेफरी के रूप में बजरंग ने बनायी अपनी पहचान
Dhanbad Sports : कहते हैं जहां चाह है वहीं राह है. इस कहावत को धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड अंतर्गत सिजुआ नया श्याम बाजार निवासी बजरंग कुमार चौहान साबित कर रहे हैं. होमगार्ड जवान के तौर पर सेवा देने के साथ-साथ बजरंग फुटबॉल के खेल में भी योगदान दे रहे हैं.
विक्की प्रसाद,
धनबाद
. कहते हैं जहां चाह है वहीं राह है. इस कहावत को धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड अंतर्गत सिजुआ नया श्याम बाजार निवासी बजरंग कुमार चौहान साबित कर रहे हैं. होमगार्ड जवान के तौर पर सेवा देने के साथ-साथ बजरंग फुटबॉल के खेल में भी योगदान दे रहे हैं. वह फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय रेफरी हैं. बजरंग कुमार चौहान अब तक 77 नेशनल ऑफिशियल मैच में रेफरी रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि फुटबॉल से उनका बचपन से ही लगाव रहा है. वह कई डिस्ट्रिक्ट लीग खेल चुके हैं. सिजुआ स्टेडियम में प्रैक्टिस करते थे. इस दौरान उनके कोच ग्यासुल हसन ने उन्हें रेफरी के लिए आवेदन करने को कहा. उन्होंने तैयारी शुरू की. 2006-07 में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट रेफरी की परीक्षा पास की. अनुभव प्राप्त करने के बाद 2015 में उनका चयन नेशनल रेफरी के लिए हुआ.नौकरी के साथ-साथ खेल में भी योगदान
वर्तमान में बजरंग कुमार चौहान एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात है. वे बताते हैं कि ड्यूटी के बाद नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करते हैं. बताया कि नेशनल रेफरी के लिए शारीरिक रूप से मजबूत होने के अलावा फिटनेस भी जरूरी है. फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से हर साल फिटनेस टेस्ट का आयोजन होता है. इसमें पास होने वाले ही नेशनल रेफरी के रूप में योगदान दे सकते हैं.संतोष ट्रॉफी समेत कई टूर्नामेंट में रह चुके हैं रेफरी
बजरंग देश के अहम फुटबॉल टूर्नामेंट में से एक संतोष ट्रॉफी के अलावा कई अन्य टूर्नामेंट में रेफरी की भूमिका निभा चुके हैं. उन्होंने बताया कि दो बार संतोष ट्रॉफी में कई मैच उन्होंने कराया. इसके अलावा देश के विभिन्न इलाकों में आयोजित होने वाले नेशनल फुटबॉल मैच में रेफरी की भूमिका निभायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है