Dhanbad News : बीबीएमकेयू करेगा क्षेत्र के सांस्कृतिक धरोहरों और विविध भाषाओं को संरक्षित
विश्वविद्यालय के विकास के लिये मिले 20 करोड़ रुपये, आधार भूत संरचना का होगा काम
बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) द्वारा जिले सहित आस-पास के क्षेत्रों के सांस्कृतिक धरोहरों और विविध भाषाओं को संरक्षित करने के लिए पहल शुरू की जायेगी. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम कुमार सिंह ने बताया कि धनबाद जिले में सांस्कृतिक विरासत की कमी नहीं है. यहां के विरासत को समझने व संरक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा एक विशेष अध्ययन केंद्र स्थापित किया जायेगा. केंद्र ना केवल विरासतों का अध्ययन करेगा. इसके साथ साथ सभी विरासतों पर शोध भी होगा. डॉ सिंह ने कहा कि प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों पर शोध के लिए ””बिनोद बिहारी महतो स्टडी चेयर”” की स्थापना की योजना बनायी गयी है. इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार से फंडिंग करने को कहा जायेगा. डॉ सिंह ने विश्वविद्यालय में आधुनिक कैंटीन की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां छात्र-छात्राएं और कर्मचारी आराम से बैठ सकें. उन्होंने बताया कि इस दिशा में भी काम शुरू किया गया है.
एसी-एसटी स्टडी सेंटर की तैयारी :
डॉ सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में एक अध्ययन केंद्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए भी बनाया जायेगा. प्रोजेक्ट पर डॉ अमूल सुमन बेग ने काम पूरा कर लिया है और इसे जल्द ही सरकार को भेजा जायेगा.विश्वविद्यालय विकास के लिए 20 करोड़ रुपये :
बीबीएमकेयू को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) द्वारा 20 करोड़ रुपये मिले हैं. बीबीएमकेयू राज्य का इकलौता विश्वविद्यालय है, जिसे यह राशि मिली है. इस फंड का उपयोग विश्वविद्यालय में अधूरी संरचना को पूरा करने व अन्य काम करने में किया जायेगा. इससे हाॅस्टल, गेस्ट हाउस और आवास निर्माण को प्राथमिकता दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है