BCCL News : उत्पादन लक्ष्य पूरा नहीं किया, पर पेनाल्टी के बदले एएमआर देवप्रभा को दे रहे ‘हिंडरेंस’ पर ‘हिंडरेंस’
उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के नौ माह (अप्रैल से दिसंबर माह तक) में एक माह भी अपने लक्ष्य के मुताबिक कोयला व ओबी की निकासी नहीं की है, परंतु इस पर जुर्माना लगाने की बजाय बीसीसीएल प्रबंधन उसे जुर्माना से बचाने तथा कम जुर्माना लगे, इसके लिए हिंडरेंस पर हिंडरेंस दिये जा रहा है.
Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद : बीसीसीएल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियां समय से तथा अपने लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रही हैं. वहीं दूसरी ओर बीसीसीएल प्रबंधन की मेहरबानी कहें या कुछ और, जुर्माना (पेनाल्टी) भरने की बजाय ये कंपनियां धड़ल्ले से हिंडरेंस (बाधा) का लाभ उठा रही हैं. ताजा मामला बीसीसीएल के बस्ताकोला एरिया के राजापुर ओसीपी का है. यहां कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स एएमआर देवप्रभा कंसोर्टियम कोयला और ओबी (ओवर बर्डेन) उत्खनन व ट्रांसपोर्टिंग के कार्य में लगी है.
उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के नौ माह (अप्रैल से दिसंबर माह तक) में एक माह भी अपने लक्ष्य के मुताबिक कोयला व ओबी की निकासी नहीं की है, परंतु इस पर जुर्माना लगाने की बजाय बीसीसीएल प्रबंधन उसे जुर्माना से बचाने तथा कम जुर्माना लगे, इसके लिए हिंडरेंस पर हिंडरेंस दिये जा रहा है.
और अप्रैल में 720 घंटे दिया हिंडरेंस, पेनाल्टी शून्य
चालू वित्त वर्ष के सिर्फ अप्रैल माह की ही हम बात करें, तो बीसीसीएल के बस्ताकोला एरिया अंतर्गत राजापुर ओसीपी में खनन कार्य में लगी आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स एएमआर देवप्रभा को 720 घंटे में 720 घंटे का हिंडरेंस दिया गया, जबकि अप्रैल माह में उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी ने एक घंटे भी काम नहीं किया. यानी अप्रैल माह में आउटसोर्सिंग कंपनी का नेट वर्किंग आवर जीरो (0) होने के बावजूद उसे जुर्माने से बचाने के लिए शत-प्रतिशत हिंडरेंस दिया गया, जबकि वर्क शिड्यूल के मुताबिक आउटसोर्सिंग कंपनी को अप्रैल माह में 2.20 लाख टन कोयला, 10 लाख ओबी (इनसीटू) व 10 लाख लूज ओबी की निकासी करनी थी.
जिसके मुकाबले आउटसोर्सिंग कंपनी ने महज 52,596 टन कोयला, 7,04,194.81 क्यूबिक मीटर ओबी (इनसीटू) की निकासी की है. यानी आउटसोर्सिंग कंपनी ने लक्ष्य से 1,67,404 मैट्रिक टन कम कोयला व 2,95,805.19 ओबी की निकासी की है. एनआइटी की शर्त व लक्ष्य के मुताबिक कार्य नहीं करने पर उक्त आउटसोर्सिंग कंपनी पर करीब 1.68 करोड़ रुपये (1,68,00,642.39 रुपया) का जुर्माना लगना चाहिए था, परंतु बीसीसीएल प्रबंधन ने 720 घंटे का हिंडरेंस देकर आउटसोर्सिंग को जुर्माना लगने से बचा दिया.
एनआइटी की शर्तों का उल्लंघन :
एनआइटी की शर्तों के मुताबिक कोई आउटसोर्सिंग या ठेका कंपनी समय से या वर्क शिड्यूल के मुताबिक काम पूरा नहीं करती है, तो उस कंपनी पर पेनाल्टी (जुर्माना) लगाने का प्रावधान है. लेकिन राजापुर ओसीपी में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी ने लक्ष्य के मुताबिक काम पूरा नहीं किया है. इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन उक्त कंपनी पर जुर्माना लगाने के बजाय जुर्माना से बचाने या जुर्माने की राशि कम करने के लिए हिंडरेंस पर हिंडरेंस दे दिया है.
कितने घंटे मिला हिंडरेंस
माह हिंडरेंस वर्किंग आवर
माह हिंडरेंस वर्किंग आवर
अप्रैल 720 000
मई 213 532
जून 318 402
जुलाई 300 444
अगस्त 498 246
सितंबर 268 452
अक्तूबर 242 502
नवंबर 35 685
दिसंबर 39 705
एक माह भी उत्पादन लक्ष्य पूरा नहीं
माह लक्ष्य उत्पादन उत्पादन कम
अप्रैल 2,20,000 52,596 -1,67,404
मई 2,20,000 78,912 -1,41,088
जून 1,70,000 75,762 – 94,238
जुलाई 1,70,000 1,07,568 – 62,432
अगस्त 1,70,000 33,552 -1,36,448
सितंबर 1,68,000 88,344 -79,656
अक्तूबर 2,45,000 1,45,926 -99,074
नवंबर 2,48,000 2,36,070 -11,930
दिसंबर 2,50,000 2,37,078 -12,922
(नोट : आंकड़ा चालू वित्त वर्ष 2020-21 का व टन में )
Posted By : Sameer Oraon