Dhanbad News: कलश यात्रा के साथ भागवत कथा शुरू

दुर्गा पूजा कमेटी कोयला नगर की ओर से दुर्गा मंदिर कोयला नगर में सप्ताहव्यापी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत कलश यात्रा के साथ की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2025 1:55 AM

धनबाद.

जब जन्म जन्मांतर के पुण्य उदित होते हैं तब भागवत कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है. माघ माह में भागवत कथा सुनने की बहुत महत्ता है. माघ का महीना शास्त्रों में श्रेष्ठ माना जाता है. इस माह मनुष्य को पांच कार्य अवश्य करना चाहिए. महा स्नान, पूजा जप, व्रत, दान और भगवान का कथा श्रवण. उक्त बातें दुर्गा पूजा कमेटी कोयला नगर की ओर से दुर्गा मंदिर कोयला नगर में आयोजित सप्ताहव्यापी श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन साध्वी शिखा चतुर्वेदी ने व्यासपीठ से कही.

सूर्योदय से पहले करें स्नान

उन्होंने कहा कि मनुष्य माघ माह में सूर्योदय के पहले स्नान करता है उसे साक्षात भगवान के धाम की प्राप्ति होती है. माघ में जल में तिल डालकर स्नान करना चाहिए. माघ मास में भगवान का नाम जरूर जपना चाहिए. व्रत करें, पूरे दिन उपवास रखकर एक समय फलाहार ग्रहण करें. इस माह दान का विशेष महत्व है. तिल से स्नान व तुला दान महत्वपूर्ण माना गया है.

हमारे चार हैं तीर्थ स्थल

साध्वी शिखा चतुर्वेदी ने कहा कि देवासुर संग्राम के दौरान समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे. सबसे अंत में धनवंतरी अमृत से भरा कलश लेकर निकले. अमृत पाने के लिए देवता व दानवों में होड़ मच गयी, जिससे अमृत की कुछ बूंदे चार जगह छलक कर गिरीं. प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक व उज्जैन. ये चार हमारे तीर्थ स्थल हैं. यहीं कुंभ लगता है. कुंभ तीन साल में व महाकुंभ बारह साल में लगता है. एक बार महाकुंभ में स्नान करने से कल्पों का फल मिलता है.

संतों का दर्शन सर्वोत्तम फल

कुंभ में जाने का सर्वोत्तम फल है संतों का दर्शन. जब त्रिवेणी जायें तो वहां से जल लायें या न लायें रज जरूर लेकर आयें. जाने कौन-कौन संत वहां से गुजरे हों. क्षण भर संतों की छाया में बैठ जायें, मोक्ष के द्वार खुल जायेंगे.

कथा स्थल से निकली भव्य कलश यात्रा

कथा के पहले सुबह कथा स्थल से भव्य कलशयात्रा निकाली गयी. इसमें साध्वी शिखा भी शामिल हुईं. बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं. जबकि पुरुष निसान लेकर चल रहे थे. धार्मिक जयकारे लगाते हुए सभी कोयला नगर का भ्रमण कर मान सरोवर छठ तालाब पहुंचे, यहां कलश में जल भरकर वापस कथा स्थल लौटे. भागवत कथा प्रतिदिन शाम चार बजे से रात आठ बजे तक चलेगी. इस दौरान मोहक झांकी की प्रस्तुति भी होगी. 22 जनवरी को कथा को विश्राम दिया जायेगा. 23 जनवरी को हवन पूर्णाहुति के बाद भंडारा होगा. कार्यक्रम को लेकर समिति के अध्यक्ष बीके झा, सचिव अरुण पांडेय, रामखेलावन शर्मा, पवन चौधरी, राजीव बोस, अमृत लाल बाउरी, दारोगा महतो, जितेंद्र महतो, शांतनु बनर्जी, हरेंद्र महतो, बीके भट्ट, विजय मंडल, ऋषिकेश सिंह, रामसुजन सिंह, श्याम प्रकाश पांडेय, टीके तिवारी, अमित शरण, बीएन राणा, डीएन सिंह, गीता दुबे, मुन्नी देवी, अंजनीकांत शुक्ला आदि थे.

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