धनबाद: महंगाई, बेरोजगारी व किसान-मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों की ओर से शुक्रवार को बुलायी गयी आम हड़ताल का धनबाद, बोकारो और गिरिडीह समेत झारखंड में मिला-जुला असर रहा. बैंक, एलआइसी व अन्य संस्थानों में कर्मियों की उपस्थिति सामान्य से कम रही. कई जगह मुख्य सड़कों पर प्रदर्शन किया गया. औद्योगिक और खनन क्षेत्रों में हड़ताल बेअसर रही. किसान व मजदूरों के साथ वाम समर्थक लाल झंडे के साथ जुलूस और प्रदर्शन में शामिल रहे.
कोयले का उत्पादन व डिस्पैच सामान्य
बीसीसीएल, इसीएल और सीसीएल में सामान्य दिनों की तरह कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. कोयले का उत्पादन व डिस्पैच भी सामान्य रहा. हालांकि कुछ जगहों से कार्य प्रभावित होने की सूचना है. कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा जारी नो वर्क नो पे के नोटिस के चलते मजदूर हड़ताल से दूर रहे. सीटू से संबद्ध शहरी ट्रेड यूनियन और मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति धनबाद ने रणधीर वर्मा चौक से ‘अपना अधिकार बचाओ रैली’ निकाली. धनबाद जिला कांग्रेस कमेटी ने महागठबंधन के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर प्रदर्शन किया. बीसीकेयू ने कुसुंडा एरिया में कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे हाइवा को घंटों रोक कर विरोध प्रदर्शन किया. बस्ताकोला क्षेत्र की बेड़ा दोबारी कोलियरी में संयुक्त मोर्चा ने पांच घंटे ढुलाई ठप रखी. लोदना क्षेत्र में ट्रक लोडिंग कार्य पूर्णत: ठप रहा, जबकि आउटसोर्सिंग परियोजना, रेलवे साइडिंग चालू रही. एनटीएसटी 6/9 नंबर साइडिंग में कोयला डिस्पैच बंद रहा. इसीएल मुगमा क्षेत्र की श्यामपुर बी कोलियरी में बंदी का व्यापक असर रहा.
कोयला खदानों में रोजाना की तरह हुआ कामकाज
बेरमो कोयलांचल में सीसीएल के तीन एरिया बीएंडके, ढोरी व कथारा की कोयला खदानों में रोजाना की तरह कामकाज हुआ. 90 फीसदी से ज्यादा मजदूरों ने हाजिरी बनायी और काम पर गये. आउटसोर्स के तहत भी कोयला उत्पादन व ओबी निस्तारण का काम हुआ. डीवीसी के बोकारो थर्मल व चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट के अलावा झारखंड राज्य के टीटीपीएस में भी हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा. बैंक, एलआइसी, इंश्योरेंस कार्यालय व डाकघरों में भी सुचारु रूप से काम चला.
गिरिडीह में बंद रहा बेअसर
गिरिडीह में भी बंद बेअसर रहा. सामान्य दिनों की तरह वाहनों के परिचालन के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में बाजार खुले रहे. आम दिनों की तरह कोयला उत्पादन हुआ. साथ ही विभिन्न कार्यालयों में कर्मचारी काम करते दिखे. कुछ राजनीतिक दलों ने बैठक व प्रतिवाद मार्च आयोजित कर किसान संगठनों का समर्थन किया. भाकपा माले एवं अखिल भारतीय किसान महासभा ने झंडा मैदान से जेपी चौक तक मार्च निकाला. वहीं कांग्रेसियों ने पार्टी कार्यालय के मुख्य गेट के समक्ष केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की. भाकपा माले की देवरी इकाई ने फतेहपुर मोड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.
क्या हैं मांगें
- किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस हो
- केंद्र सरकार किसानों का पूरा कर्ज माफ करे
- बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाये
- केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे
- किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन दी जाये
- किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाये
- लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को सजा मिले