एमपीएल की निर्माणाधीन रेल लाइन के नीचे बना बड़ा गोफ
आसनसोल रेल मंडल के थापरनगर स्टेशन के समीप एमपीएल की निर्माणाधीन रेललाइन के ठीक नीचे मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात तेज आवाज के साथ एक गहरा गाेफ बन गया.
निरसा : आसनसोल रेल मंडल के थापरनगर स्टेशन के समीप एमपीएल की निर्माणाधीन रेललाइन के ठीक नीचे मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात तेज आवाज के साथ एक गहरा गाेफ बन गया. लगातार दूसरे दिन घटित घटना में गाेफ से काफी नीचे भूमिगत खदान दिख रही है. विशेषज्ञों की मानें तो यह गहराई करीब 200 फीट तक हो सकती है. जिस जगह गाेफ बना है और भू-धंसान का वाकया हुआ, वहां से हावड़ा-दिल्ली ग्रैंड कॉर्ड लाइन महज 30 मीटर की दूरी पर है. रेलवे ने ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन को किसी प्रकार के खतरे से इंकार किया है.
आसनसोल रेल मंडल के सीनियर माइनिंग एडवाइजर आरके सिंह ने कहा कि इसीएल के अधिकारी अंडरग्राउंड माइनिंग चलाकर कोयला निकाल लेते हैं और उसकी भराई ठीक से नहीं करते हैं. इस कारण ऐसी घटनाएं घटती हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक ग्रैंड कॉर्ड लाइन को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है. इस बीच रेलवे, एमपीएल और इसीएल ने घटना की जांच शुरू कर दी है. रेलवे ने ट्रैक से सटे इलाके की भराई पर प्रतिबंध लगा दिया है.
जांच के लिए आसनसोल मंडल के वरीय अधिकारी, इसीएल जीएम व एमपीएल के अधिकारी आज मौके पर पहुंचे. सिंफर के वैज्ञानिकों के भी आने की चर्चा है. रेलवे के अधिकारियों ने नक्शा देखने के बाद हावड़ा-दिल्ली रेललाइन को सुरक्षित बताया है. घटनास्थल पर रेलवे के असिस्टेंट इंजीनियर विनोद कुमार, इसीएल के सेफ्टी ऑफिसर अजय शर्मा, सर्वे ऑफिसर विपुल तिवारी, सोमनाथ दत्ता, संजय सिंह सहित मौजूद थे.
इसीएल करा रहा भरायी कार्य
मंगलवार की अलस्सुबह थापरनगर स्टेशन के समीप एमपीएल की निर्माणाधीन रेललाइन के नीचे भू-धंसान की घटना हुई थी. अधिकारी इस बात को लेकर मंथन में जुटे थे, तभी देर रात गोफ बनने की घटना हुई. गाेफ ग्रैंड कॉर्ड लाइन से महज 30 मीटर की दूरी पर है.
गोफ देखकर ऐसा लगता है कि पूरा निचला इलाका ही खोखला है. इसीएल एमपीएल रेलवे ट्रैक से करीब 10 फीट की दूरी पर भू-धंसान स्थल पर मिट्टी भरवा रहा है. हालांकि रेलवे ने निर्माणाधीन रेलवे लाइन से सटे इलाके में भराई कार्य पर पाबंदी लगा दी है. जांच के लिए रेलवे व एमपीएल ने अलग-अलग टीम का गठन किया है.
जमीन हमारी है. किसी भी निर्माण कार्य के लिए हमें किसी से परमिशन लेने की जरूरत नहीं है, जबकि नियमत: रेलवे बाउंड्री के 40 मीटर तक उन्हें किसी भी प्रकार का कोयला खनन या माइनिंग नहीं चलानी है.
आरके सिंह, सीनियर माइनिंग एडवाइजर, आसनसोल मंडल