धनबाद में कांग्रेस से सीधा मुकाबला होने पर भाजपा को होता है लाभ

त्रिकोणीय या बहुकोणीय मुकाबला में कांग्रेस की स्थिति रहती है मजबूत, 23 प्रत्याशी व नोटा को मिला कर भी नहीं आये दो लाख मत

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 12:55 AM

संजीव झा, धनबाद,

धनबाद लोकसभा क्षेत्र में सीधा मुकाबला होने पर भाजपा हमेशा लाभ में रहती है. यहां पिछले चार लोकसभा चुनाव से कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है. इस कारण पिछले चार बार से भाजपा यहां भारी मतों से जीत दर्ज करती रही है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र, जो पहले कांग्रेस व बाद में वाम संगठन मासस का गढ़ माना जाता था, का राजनीतिक परिदृश्य 1991 चुनाव से बदलता जा रहा है. 1991 से 2024 के बीच हुए लोकसभा के नौ चुनाव में भाजपा आठ बार जीत दर्ज कर चुकी है. केवल एक बार 2004 के लोकसभा चुनाव में यहां पर कांग्रेस जीत दर्ज कर पायी. हर बार पार्टी यहां दूसरे या तीसरे स्थान पर रही. 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था. उस चुनाव में मासस के एके राय को समर्थन दिया गया था. लेकिन, श्री राय तमाम गैर भाजपा दलों के समर्थन के बावजूद लगभग 15 हजार मतों से हार गये थे. इसके बाद 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री चंद्रशेखर उर्फ ददई दुबे को मैदान में उतारा. श्री दुबे ने जीत का चौका लगा चुकीं भाजपा की प्रो रीता वर्मा को पराजित कर इस सीट पर भगवा रथ को रोका था.

तीसरे नंबर के प्रत्याशी को एक लाख से भी कम वोट मिले :

धनबाद लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा प्रत्याशी को 7,89,172 मत मिले. जबकि कांग्रेस की अनुपमा सिंह को 4,57,589 मत मिले. इसके बाद किसी भी प्रत्याशी को एक लाख भी मत नहीं मिले. तीसरे स्थान पर जेबीकेएसएस (निर्दलीय) प्रत्याशी मो इकलाख अंसारी को 79,653 मत आया. धनबाद से तीन बार संसदीय चुनाव में जीतने हासिल करने वाली पार्टी मासस की स्थिति बहुत बुरी रही. मासस के प्रत्याशी रहे जगदीश रवानी को 27,635 मत से ही संतोष करना पड़ा. इतनी बुरी स्थिति मासस की यहां कभी नहीं रही. यहां से चुनाव लड़ने वाली थर्ड जेंडर की सुनैन्ना किन्नर को भी 3462 मत ही मिले. धनबाद में कई प्रत्याशियों से ज्यादा मत नोटा को मिला. इस बार नोटा के पक्ष में 7354 लोगों ने मत दिया.

लोकसभा व विधानसभा चुनाव में बदलता रहा है ट्रेंड :

धनबाद में लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान वोटिंग ट्रेंड बदलते रहता है. लोकसभा चुनाव के दौरान धनबाद, बोकारो, सिंदरी, निरसा व चंदनकियारी में जहां भाजपा को बड़ी बढ़त मिलती रही है. पिछले दो चुनाव से बोकारो विधानसभा क्षेत्र से ही भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त मिल रही है. दूसरे स्थान पर निरसा रह रहा है. चंदनकियारी में भी भाजपा को व्यापक समर्थन मिल रहा है. झरिया विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा ही बढ़त लेती है. वहीं विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रत्याशी के हिसाब से भी होता है. जैसे निरसा एवं सिंदरी विस क्षेत्र में मुख्य लड़ाई भाजपा एवं मासस के बीच हो जाती है. जबकि धनबाद, झरिया, बोकारो में मुकाबला कांग्रेस एवं भाजपा के बीच होता है. चंदनकियारी में भाजपा एवं आजसू के बीच हो जाता है.

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