संपत्ति नहीं, विपत्ति बांटने के लिए होते हैं भाई
मानस मंदिर, जगजीवन नगर में 52वें मानस महाधिवेशन के नवाह परायण एवं राम कथा
By Prabhat Khabar News Desk |
April 11, 2024 7:47 PM
धनबाद.
मानस प्रचार समिति, मानस मंदिर, जगजीवन नगर में 52वें मानस महाधिवेशन के नवाह परायण एवं राम कथा के छठे दिन विंध्याचल के देवी प्रसाद पांडे ने रामचरित मानस का पाठ किया. पंडित ज्योति नारायण झा के आचार्यत्व में उज्ज्वल वर्मा, मनिका कीर्ति वर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, जया शर्मा द्वारा आज का कर्मकांड संपन्न कराया गया. शाम को राम कथा के अवसर पर काशी के मानस किंकर निरजानंद शास्त्री ने भगवान श्रीराम के वन गमन का प्रसंग सुनाया. बताया कि प्रभु कहते हैं मैं उसके लिए अपना घर द्वार छोड़ता हूं जो मेरे लिए अपना घर-द्वार व सुख छोड़ता है. भगवान श्रीराम पिता की आज्ञा, संतों की सेवा के लिए वनवासी हुए. उन्होंने कहा कि भगवान राम और भरत ऐसे भाई हैं जिन्होंने संपत्ति का नही विपत्ति का बंटवारा किया. हर भाई को इससे सीख लेनी चाहिए. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजीव शर्मा, महामंत्री झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन थे. स्वागत निरंजन सिंह ने किया. मंच संचालन निशांत नारायण व धन्यवाद ज्ञापन विनोद दुबे ने किया. मौके पर समिति के बीरबल रवानी, सुभेंदु, संतोष कर्ण, सपन अधिकारी, कन्हाई भट्टाचार्य, समशेर सिंह राठौर, राहुल, सुधा शर्मा, रीता सिंह, निशी सिंह, गायत्री सिंह, कालिंदी पाठक आदि उपस्थित थे.