बाजार शुल्क के खिलाफ व्यवसायियों ने लगाया काला बिल्ला
कानून लागू किया गया, तो धनबाद ही नहीं पूरे झारखंड के व्यवसायी अनिश्चितकाल के लिए व्यवसाय बंद करेंगे
झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2022 को पुनः झारखंड में लागू करने के प्रयास के विरोध में बाजार समिति के व्यवसायी गोलबंद हो गये हैं. शुक्रवार को व्यवसायियों ने काला बिल्ला लगाकर इसका विरोध जताया. बाजार समिति चेंबर की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि जब-जब कृषि मंत्री बदलते हैं, तब-तब यह कानून लागू करने का प्रयास होता है. अगर यह कानून लागू किया गया, तो धनबाद ही नहीं पूरे झारखंड के व्यवसायी अनिश्चितकाल के लिए व्यवसाय बंद करेंगे. इसकी सारी जवाबदेही झारखंड सरकार की होगी. इस काले कानून को लागू करने के लिए चार सितंबर को कृषि मंत्री दीपिका पांडेय पशुपालन भवन रांची में व्यापारियों एवं ट्रेडरों के साथ बैठक करेंगी. इसका विरोध किया जायेगा. चार सितंबर को ही रांची में व्यवसायी आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर वहीं से आंदोलन का शंखनाद करेंगे. प्रेस कांफ्रेंस में बाजार समिति चेंबर के अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल, सचिव गौरव गर्ग, कोषाध्यक्ष दीपक कटेसरिया, राजकुमार अग्रवाल, विनोद गुप्ता, सुरेंद्र जिंदल, जसविंदर सिंह, अजय बंसल, बिट्टू लाडिया, विकास कांधवे, मनजीत सिंह, विनोद सिंघल, प्रदीप सतनालिका, अमन अग्रवाल, विष्णु भीमसरिया, रंजीत साव, आयुष अग्रवाल, कृष्ण अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, कमल अग्रवाल उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है