धनबाद.
असर्फी चैरिटेबल ट्रस्ट और असर्फी कैंसर संस्थान धनबाद के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार 31 मई को संस्थान के कांफ्रेंस हॉल में प्रारंभिक स्तर में कैंसर की पहचान एवं समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र (सीबीएसी) विषय पर नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें 160 से ज्यादा स्वास्थ्य सहायिकाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में संस्थान के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ विप्लव मिश्रा ने पीपीटी के जरिए कैंसर के कारण, इसके अलग-अलग स्टेज, जांच व उपचार के बारे में जानकारी दी. कहा कि कैंसर से बचने के लिए जागरूकता फैलाना जरूरी है. ग्रामीण इलाकों में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने में स्वास्थ्य सहायिकाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि स्वास्थ्य सहायिकाएं अच्छी तरह प्रशिक्षित हों.शरीर में इन बदलावों को नहीं करें नजरअंदाज :
कैंसर का लक्षण गिनाते हुए उन्होंने कहा कि शरीर के किसी अंग में घाव का लंबे समय से ठीक नहीं होना, शरीर के किसी हिस्से में रक्तस्राव, खाना का हजम नहीं होना, मस्से के रंग या आकार में बदलाव, खांसी का ठीक नहीं होना, आवाज का बैठना, पेशाब में बदलाव, शरीर में गांठ, महिलाओं के स्तन में गांठ, मुंह में लंबे समय से छाले, भोजन निगलने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. यह जरूरी नहीं कि किसी के शरीर में होने वाले ट्यूमर कैंसर हों, लेकिन कभी-कभी शरीर में होने वाले सामान्य घाव जांच कराने पर कैंसर साबित होते हैं. भारत में सर्वाइकल, मुंह और स्तन कैंसर के मामले ज्यादा सामने आते हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान की डॉ मोनिका गुप्ता, डॉ जफर समेत असर्फी कैंसर संस्थान के निदेशक गोपाल सिंह, कॉरपोरेट हेड संतोष सिंह, सूरज मिश्रा भी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है