रमण झा अपहरणकांड में महिला समेत तीन पर केस दर्ज

रांची के जगरनाथपुर थाना के बरिया रोड, प्रगति मैदान के सौरभ सिंह को भेजा गया जेल

By Prabhat Khabar News Desk | August 1, 2024 1:52 AM

वरीय संवाददाता, धनबाद.

धनबाद थाना क्षेत्र के एसएसएलएनटी कॉलेज के पीछे कस्तूरबा नगर स्थित आर स्क्वायर अपार्टमेंट में रहने वाले इंजीनियर रमण कुमार झा के अपहरण मामले में धनबाद थाना की पुलिस ने अपहरणकर्ता रांची निवासी सौरभ सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. सौरभ रांची के जगरनाथपुर थाना के बरिया रोड, प्रगति मैदान के निकट रहता है. वहीं पुलिस इस मामले में मनीष सिंह और महिला अनंता सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है और दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है.

क्या है मामला :

डीएसपी दीपक कुमार ने बताया कि रमण कुमार झा किसी प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर काम करते हैं. सोमवार की शाम उन्हें फोन करके बुलाया गया और जब वह गये तो उनका अपहरण कर लिया गया. शाम 19.35 बजे डायल 112 को सूचना मिली कि इंजीनियर रमन कुमार झा का कुछ लोग अपहरण कर लिये हैं तथा उन्हें छोड़ने के लिए फिरौती की मांग कर रहे हैं. इस बात की सूचना तत्काल एसएसपी एचपी जनार्दनन को दी गयी. एसएसपी के आदेश पर डीएसपी दीपक कुमार के नेतृत्व में तत्काल एक टीम का गठन किया गया, जिसमें धनबाद थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर राम नारायण ठाकुर, एसआइ राकेश कुमार राम एवं अन्य अधिकारी व पुलिसकर्मी शामिल थे.

गठित टीम ने मंगलवार को न सिर्फ रमन कुमार झा की सकुशल रिहाई सुनिश्चित की, बल्कि उनके साथ अपहरणकर्ता व मुख्य साजिशकर्ता सौरभ सिंह को रांची से गिरफ्तार कर लिया, जिसे बुधवार को जेल भेज दिया गया. सौरभ के पास से पांच मोबाइल व एक कार ( जेएच 01 इएच-0883) को जब्त की गयी है.

साला को मैसेज भेज मांगी रंगदारी :

पुलिस ने बताया कि रमण कुमार झा का अपहरण करने के बाद जमशेदपुर के आदित्यपुर में रहने वाले उनके साला गौरव कुमार झा के मोबाइल पर पहले फोन आया. उसके बाद सौरभ सिंह ने अपना चेक भेज कर कहा कि इस एकाउंट में आठ लाख रुपये डाल दो. इसके बाद गौरव कुमार झा ने तुरंत पुलिस को जीजा के अपहरण की सूचना दी और धनबाद पहुंच कर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी.

कारोबार में घाटा हुआ तो कर लिया पार्टनर का अपहरण :

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पहले रमण कुमार झा और सौरभ सिंह दोनों कोयले का डस्ट बनाकर दिल्ली के एक कंपनी को भेजते थे और उससे जो कमाई होती थी, दोनों आपस में बांट लेते हैं, लेकिन एक बार मिलावटी माल भेजा और दिल्ली की कंपनी ने दोनों पर आठ लाख की पेनाल्टी लगा दी. तब से सौरभ को लगता था कि रमण झा के कारण ही उसे कारोबार में घाटा हुआ है और उसी राशि को लेने के लिए सौरभ ने अपने पार्टनर रमण झा का अपहरण कर लिया.

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