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0-सीबीआइ ने केके पॉलिटेक्निक डाकघर के सब पोस्टमास्टर समेत चार पर दर्ज किया केस

गोविंदपुर के केके पॉलिटेक्निक पोस्ट ऑफिस से 9.38 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी फंड के घोटाला मामले में धनबाद सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. धनबाद डिवीजन के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिस उत्तम कुमार सिंह की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है.

वरीय संवाददाता, धनबाद. गोविंदपुर के केके पॉलिटेक्निक पोस्ट ऑफिस से 9.38 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी फंड के घोटाला मामले में धनबाद सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. धनबाद डिवीजन के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिस उत्तम कुमार सिंह की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. इसमें केके पॉलिटेक्निक पोस्ट ऑफिस के सब पोस्टमास्टर सुमित कुमार सौरभ, प्रधान डाकघर धनबाद के लोअर सलेक्शन ग्रेड पोस्टल असिस्टेंट परितोष लकड़ा, सेविंग बैक कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के शंकर भाटिया, सब अकाउंटेंट भरत प्रसाद रजक व अन्य आरोपी बनाये गये हैं. सुमित सौरभ, पिता मोहन प्रसाद सिंह, वर्तमान में झरिया डाकघर में पोस्टेड है. वह धनबाद में पुलिस लाइन के निकट रहते हैं और उनका स्थायी पता बिहार के पटना जिला के गांव निमी, पोस्ट गौरीपुंदा, थाना दनियावन है.

साल 2018 से 2024 के बीच हुई गड़बड़ी : सीनियर सुपरिटेंडेंट ने सीबीआइ को बताया है कि केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में साल 2018 से 2024 के बीच परितोष लकड़ा, शंकर भाटिया, सुमित कुमार सौरभ और भरत प्रसाद रजक ने साजिश के तहत गड़बड़ी की. इन लोगों ने 9,38,240,19 रुपये का घोटाला किया. सीनियर सुपरिटेंडेंट ने 26 फरवरी को यह शिकायत सीबीआइ से की थी. शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 के तहत 120 बी, 420, 465, 468 और 477 (ए) आइपीसी की धारा के तहत सीबीआइ ने शिकायत दर्ज की है.

डायरेक्टर ऑफ अकाउंटेंट पोस्टल ने पकड़ी थी गड़बड़ी :

शिकायत के बाद सीबीआइ ने जांच में पाया कि इन चारों आरोपियों ने राशि की गड़बड़ी की. गड़बड़ी सबसे पहले डायरेक्टर ऑफ अकाउंटेंट पोस्टल (रांची) ने पकड़ी थी और इसकी सूचना सीनियर सुपरिटेंडेंट प्रधान डाकघर धनबाद को ई-मेल के जरिये छह फरवरी 2024 को दी थी. ई-मेल में 1.80 करोड़ रुपये की गड़बड़ी बतायी गयी थी. इसके बाद विभाग ने एक टीम बनायी, जिसने पूरे मामले की जांच की. विभागीय जांच 12 फरवरी को शुरू हुई थी. जांच में पाया गया कि सुमित कुमार सौरभ ने 112319616 रुपये की निकासी की थी. पोस्टल रिमिटेंस के मद में सौरभ ने निकासी की थी. इसके बाद 495597 सौरभ ने जमा किया. फिर 25 जनवरी 2024 को 1.80 करोड़ रुपये ट्रेजरी में सौरभ ने जमा किया. जबकि बाद बची हुई राशि 93824019 रुपये का घोटाला पाया गया. इसके साथ ही नामजद तीनों आरोपियों के सहयोग से सुमित ने इस घोटाला को अंजाम दिया है. सीबीआइ ने अपनी प्रारंभिक पनी जांच में कहा है कि यह शुरुआती जांच में घोटाला की राशि और बढ़ सकती है.

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