Dhanbad News : सेंट्रल प्लाजा बैंक मोड़ की जमीन जिला परिषद की, कोर्ट का आया फैसला
2006 से सिविल कोर्ट में 72/2006 देवा प्रसाद चक्रवर्ती व अन्य/जिला परिषद के बीच टाइटल सूट चल रहा था. 19 साल के बाद फैसला आया है.
बैंकमोड़ स्थित सेंट्रल प्लाजा की जमीन पर मालिकाना हक जिला परिषद का है. गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फर्स्ट ने यह फैसला सुनाया है. 2006 से सिविल कोर्ट में 72/2006 देवा प्रसाद चक्रवर्ती व अन्य/जिला परिषद के बीच टाइटल सूट चल रहा था. 19 साल के बाद फैसला आया है. इसको लेकर जिला परिषद में खूब मिठाई बांटी गयी. जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने जिला परिषद के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को जीत की बधाई दी. मामले में अधिवक्ता निरंजन सिंह ने बताया कि 2006 से लंबित टाइटल सूट में सेंट्रल प्लाजा की ओर से 22 पिटीशनर थे. प्रॉपर्टी के छह पार्टनर हैं. कोर्ट ने मामले में बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 1988 के तहत वादी देवा प्रसाद चक्रवर्ती के दावे को गलत बताया.
2011 में सील किया गया था सेंट्रल प्लाजा :
हाइकोर्ट के आदेश पर 2011 में सेंट्रल प्लाजा को सील किया गया था. चुकीं सेंट्रल प्लाजा का टाइटल सूट 2006 से लोअर कोर्ट में चल रहा था. इसपर हाई कोर्ट ने 2012 में सेंट्रल प्लाजा को खोलने का आदेश दिया था.टैक्सटाइल मार्केट को अपने कब्जे में लेगा जिला परिषद : शारदा सिंह
जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने कहा कि जिला परिषद के लिए बड़ी जीत है. न्यायालय से सेंट्रल प्लाजा का मालिकाना हक जिला परिषद को दिया गया है. टेक्सटाइल मार्केट पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जिला परिषद की जमीन पर जहां-जहां भी अतिक्रमण है, उसे मुक्त कर घेराबंदी की जायेगी.
जरूरत पड़ी, तो हाईकोर्ट जायेंगे : अशोक सेन
सेंट्रल प्लाजा के पार्टनर अशोक सेन ने कहा कि कोर्ट ने क्या फैसला दिया है. इसकी कॉपी नहीं मिली है. आर्डर की कॉपी आने के बाद आगे निर्णय लिया जायेगा. जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है