Dhanbad News : कहीं रोशनी की नहीं थी पर्याप्त व्यवस्था, कहीं एक प्रश्नपत्र से दो तीन बच्चे लिख रहे थे उत्तर

प्रभात लाइव : अव्यवस्था के बीच जिले में कक्षा एक से सातवीं तक अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू, सवाल : क्या अर्द्धवार्षिक परीक्षा उद्देश्य हो पायेगा पूरा

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2024 1:44 AM
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बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से जिले में कक्षा एक से सातवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा सोमवार से शुरू हो गयी है. पहले दिन स्कूलों में परीक्षा के दौरान अव्यवस्था दिखी. बच्चे एक-दूसरे से पूछ कर उत्तर लिखते दिखे, तो कहीं किताब खोल कर परीक्षा देते दिखे. इतना ही नहीं विद्यालयों में संसाधनों का भी अभाव था. कहीं एक ही कमरें में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चे बैठकर परीक्षा दे रहे थे, तो कहीं रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी. शिक्षक प्रश्न पत्र का प्रिंट आउट निकलवाने के लिए सुबह से परेशान रहे. कक्षा में एक बेंच पर चार से पांच बच्चे बैठे थे. कई विद्यालयों में एक प्रश्न पत्र से दो से तीन बच्चों को परीक्षा देनी पड़ी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अर्द्धवार्षिक पूरीक्षा का उद्देश्य पूरा हो पायेगा.

प्रावि भूदा : दरी पर बैठकर परीक्षा दे रहे थे कक्षा एक के बच्चे

प्रभात खबर की टीम 11.14 बजे प्राथमिक विद्यालय भूदा पहुंची. यहां का भवन जर्जर हो जाने की वजह से सामुदायिक भवन में स्कूल चल रहा था. यहां एक से पांचवीं तक में 39 बच्चे नामांकित है. एक ही कमरे में सभी बच्चों को बैठाया गया था. परीक्षा के कारण अन्य दिनों के मुकाबले आज बच्चों की संख्या अधिक थी. 37 बच्चे परीक्षा दे रहे थे. आवश्यकता के अनुसार यहां बेंच डेस्क भी नहीं थे. कक्षा एक के बच्चों को दरी पर बैठाकर परीक्षा ली जा रही थी. वहीं दूसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चे बेंच पर बैठकर ग्रुप में परीक्षा दे रहे थे. किसी बेंच पर पांच, तो किसी पर छह बच्चे थे. हर कक्षा के लिए दो से तीन बच्चों पर एक प्रश्न पत्र दिया गया था. विद्यालय में एक शिक्षक व एक शिक्षिका है. शिक्षक की आये दिन दूसरे जगह प्रतिनियुक्ति कर दी जाती है. इस कारण प्रभारी प्रधानाध्यापक शिक्षिका के भरोसे ही विद्यालय चल रहा है.

रामवि धोखरा : समय समाप्ति के बाद भी परीक्षा देते दिखे बच्चे

राजकीय मध्य विद्यालय धोखरा में प्रथम पाली की परीक्षा 11.30 बजे तक खत्म हो जानी थी. यहां कुछ बच्चे प्रश्न पत्र लेकर बाहर में घूमते दिखे. शिक्षक की नजर उसपर पड़ने के बाद उसे क्लास में जाने को कहा गया. विद्यालय में नया भवन बना हुआ है, लेकिन बच्चों की कक्षाएं पुराने भवन में ही संचालित की जा रही है. क्लास में रोशनी के लिए सिर्फ खिड़की व दरवाजे खुले रखे गये थे. वहीं दो सीनियर छात्राएं परीक्षा पर नजर रखे हुए थीं. विद्यालय में एक से आठवीं तक में 149 बच्चे नामांकित है, सोमवार को 136 उपस्थिति रही थी. विद्यालय में चार शिक्षक हैं.

नोटबुक में देनी थी परीक्षा, कॉपी के पेज पर उत्तर लिख रहे थे बच्चे

परीक्षा के एक दिन पहले जेसीइआरटी रांची द्वारा जी गुरुजी एप्प के माध्यम से प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया था. उत्तर पुस्तिका के लिए छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराये गये नोटबुक का उपयोग किया जाना था. लेकिन बच्चे कॉपी के पेज पर ही परीक्षा देते दिखे. कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के हर विषय के लिए 60-60 अंक निर्धारित हैं. कक्षा छठी से आठवीं तक के हर विषय के लिए 60-60 अंक निर्धारित है, लेकिन गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए 50-50 अंक लिखित और 10-10 अंक प्रोजेक्ट कार्य के लिए निर्धारित किये गये हैं.

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