dhanbadnews: चाइल्ड ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चे परिजन के हवाले
हाल ही में धनबाद रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किए गये बच्चों को उनके परिजन मंगलवार को वापस घर ले गये. इन बच्चों को बाल श्रम के लिए मानव तस्कर आंध्र प्रदेश के राजमुंद्री और केरल ले जा रहे थे. इनमें तीन बच्चे गया के और तीन दुमका के थे.
धनबाद.
हाल ही में धनबाद रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किए गये बच्चों को उनके परिजन मंगलवार को वापस घर ले गये. इन सभी बच्चों को बाल श्रम के लिए मानव तस्कर आंध्र प्रदेश के राजमुंद्री और केरल ले जा रहे थे. इनमें तीन बच्चे गया के और तीन दुमका के काठीकुंड थाना क्षेत्र के थे. उन्हें धनबाद रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने रेस्क्यू किया था. इन बच्चों को सीडब्ल्यूसी ने उनके परिवार को सौंप दिया है. गया के बच्चों ने बताया कि उन्हें 12 घंटे तक अंडा का ट्रे बनाने की फैक्ट्री में काम कराया जाता था. वक्त पर भोजन भी नहीं मिलता है. गया के बच्चों को राजमुंद्री ले जा रहा बाल तस्कर कैलाश मांझी गिरफ्तार हो चुका है. सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि केरल ले जा रहे तस्कर विल्सन की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. केरल पुलिस को सारी सूचना दी गई है.सासाराम के बच्चे को 25 दिनों के बाद मिला परिवार :
गत 13 सितंबर को सासाराम का एक 12 वर्षीय बच्चा धनबाद स्टेशन से रेस्क्यू हुआ था. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी की पहल पर सोमवार की रात उसके परिजनों का पता चला. मंगलवार को सीडब्ल्यूसी ने बच्चे को उसके परिजनों को सौंप दिया. मौके पर सीडब्ल्यूसी के सदस्य प्रेम कुमार, मीरा सिन्हा, ममता अरोड़ा, संध्या सिन्हा, डीएलएसए से चंदन कुमार, डीसीपीयू से मदन मोहन महाथा, चाइल्ड हेल्प लाइन से अर्पित खलको, उदय कुमार, सिंपी, पूनम, काजल आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है