चर्च में प्रार्थना करते मसीही भाई-बहन.
Dhanbad News: रविवार को आखिरी एडवेंट संडे पर संत एंथोनी चर्च व संत मैरी चर्च में मिस्सा प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में मसीही भाई-बहन पहुंचे.Dhanbad News: धनबाद के संत एंथोनी चर्च व संत मैरी चर्च में रविवार को आखिरी एडवेंट संडे पर मिस्सा प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. आगमन काल के अंतिम रविवार में चर्च में काफी संख्या में इसाई धर्मावलंबी उपस्थित हुए. क्रिसमस की धूम इसाई समुदायों में आगमन काल से ही अर्थात चार रविवार पहले से शुरू हो जाती है. आगमन काल के चारों रविवार में अलग-अलग मोमबत्ती जलाने की परंपरा है. प्रथम व द्वितीय सप्ताह के रविवार में बैंगनी रंग की मोमबत्ती क्रमशः आशा और शांति अर्थात भविष्यवाणी और बेथलहम के प्रतीक है. इसी तरह तीसरे तथा चौथे रविवार में क्रमशः गुलाबी एवं बैंगनी रंग की मोमबत्ती अर्थात चरवाहा तथा देवदूत की मोमबत्ती का प्रतीक है. आगमन काल में चर्च के फादर बैगनी रंग का वस्त्र धारण कर यह आह्वान करते हैं कि इस संसार के मुक्तिदाता का जन्म होने वाला है. हम सभी आध्यात्मिक रूप से तैयार होकर उनका स्वागत करें. जिस तरह प्रभु यीशु के जन्म से पूर्व स्वर्ग से उतरकर दूत सेनाओं ने चरवाहों एवं गड़ेरियों को संदेश सुनाया था कि एक उद्धारकर्ता बालक का जन्म होने वाला है, जो चरनी पर लेटे हुए हैं.
क्रिसमस इसाइयों के लिए सबसे बड़ा त्योहार
मिस्सा प्रार्थना सभा में शिलांग डॉन बॉस्को से आये फादर सुनील बारला ने कहा कि इसाइयों के लिए बड़ा दिन अर्थात क्रिसमस सबसे बड़ा त्योहार है. इसे हम धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन इस समय हम इस बात को कतई नहीं भूलें कि हमारे परम पिता परमेश्वर ने हमसे इतना प्यार किया कि अपने इकलौते को पुत्र हमें दे दिया. क्रिसमस पर 24 दिसंबर की रात 10:30 बजे प्रार्थना सभा होगी. 25 दिसंबर को प्रातः 7:30 बजे प्रार्थना सभा का आयोजन किया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है