नीरज अंबष्ट, धनबाद. गुजरात पुलिस द्वारा प्रतिबंधित दवा लदा ट्रक पकड़े जाने के बाद बरवाअड्डा के भेलाटांड़ स्थित एक गोदाम में छापेमारी में बरामद लगभग 54 लाख रुपये के कफ सिरप मामले की जांच अब सीआइडी करेगा. सीआइडी ने बरवाअड्डा थाना पुलिस से केस अपने हाथ में ले लिया है. बताते चलें कि 11 मार्च को बरवाअड्डा पुलिस के सहयोग से गुजरात पुलिस ने गोदाम में छापा मारा था. सीआइडी सूत्रों के अनुसार, मामले के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर विनोद कुमार गुप्ता बनाये गये हैं. उन्होंने जांच भी शुरू कर दी है. इससे पूर्व बरवाअड्डा थाना में दर्ज प्राथमिकी की कॉपी और अन्य कागजात अपने हाथ में लेकर सीआइडी ने अलग प्राथमिकी दर्ज की. जानकारी के लिए बताते चलें कि प्रतिबंधित कफ सिरप मामले के तार रांची के तुपुदाना से भी जुड़े थे. रांची पुलिस व ड्रग विभाग की टीम के सहयोग से बरवाअड्डा क्षेत्र के ड्रग इंस्पेक्टर रंजीत कुमार ने तुपुदाना में दवा कंपनी एबॉट के सप्लायर भिलाई केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री में छापेमारी की थी. इस दौरान उक्त गोदाम से कई तरह की आपत्तिजनक दवा मिलने की बात सामने आयी थी. ड्रग इंस्पेक्टर ने फैक्ट्री सील कर दी थी. डीजी के आदेश पर सीआइडी को मिला केस : भेलाटांड़ स्थित गोदाम का ताला बरवाअड्डा और गुजरात पुलिस ने संयुक्त रूप से 11 मार्च को खुलवाया था. यहां से पुलिस को 24560 कफ सिरप और गेंहूं मिले थे. मामले में बरवाअड्डा पुलिस ने 13 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की. हालांकि पुलिस कोई विशेष जानकारी नहीं जुटा पायी. इसी बीच, डीजी रांची ने मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को दे दिया. डीजी के आदेश पर जून में सीआइडी ने प्राथमिकी दर्ज की. जानें क्या है पूरा मामला : गुजरात पुलिस ने प्रतिबंधित दवा लदा ट्रक पकड़ने के बाद भेलाटांड़ स्थित गोदाम पर दबिश दी थी. कानूनी प्रक्रिया पूरी कर 11 मार्च को गोदाम का ताला तोड़ा गया. उस समय वीरेंद्र कुमार विश्वकर्मा को बतौर मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. यहां कफ सिरप और एक ट्रक पर लदा गेहूं जब्त किया गया था. एक कफ सिरप पर 205 रुपये 48 पैसे मृल्य अंकित था. गोड्डा के औषधि निरीक्षक अतिरिक्त प्रभार धनबाद टू रंजीत कुमार चौधरी की लिखित शिकायत पर बरवाअड्डा थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. इसमें गोदाम के मालिक मेमको मोड़ निवासी उपेंद्र सिंह और वाराणसी काशीपुर के उमेश कुमार को आरोपी बनाया गया था. नशे के लिए होता है कफ सिरप का इस्तेमाल : कफ सिरप का उपयोग नशा करने के लिए किया जाता है. बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी हो रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआइडी को जिम्मा दिया गया है. अब सीआइडी इस मामले की जांच कर रही है कि कफ की इतनी बड़ी खेप कैसे धनबाद में स्टोर की जा रही है. कौन-कौन लोग इस तस्करी में शामिल हैं.
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