विधि प्रतिनिधि, धनबाद
सिविल कोर्ट धनबाद जहां रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना होता है, अब पूरी तरह से एयर कंडीशनर हो गया है. यही नहीं कोर्ट आने वाले वादियों की सुविधा के लिए सारे आधुनिक व्यवस्थाएं भी की जा रही है. आने वाले समय में धनबाद से ही अधिवक्ता झारखंड हाइकोर्ट में अपने मुकदमे में बहस कर सकेंगे और याचिका दायर कर सकेंगे. ऐसी व्यवस्था की जा रही है. उक्त बातें प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश राम शर्मा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कही. उन्होंने बताया : धनबाद सिविल कोर्ट में 100 किलोवाट के सोलर पैनल के जरिए पूरे कोर्ट परिसर में विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है. खूंटी, रामगढ़ के बाद धनबाद में भी सोलर पैनल के जरिए पूरे कोर्ट की विद्युत आपूर्ति की जा रही है. वहीं ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा 500 केवीए का नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है. दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, वरिष्ठ वादकारियों, अधिवक्ताओं को कोर्ट रूम तक जाने के लिए व्हीलचेयर, अधिवक्ता , वादकारियों के लिए लिफ्ट की व्यवस्था अलग से की जा रही है, ताकि किसी को न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेने में किसी भी तरह की परेशानी न हो. वादकारियों, पोक्सो एक्ट के गवाहों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की गयी है. पूरे परिसर में दिव्यांगों के लिए नये शौचालय का निर्माण कराया गया. वहीं शीतल पेयजल की भी व्यवस्था की गयी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से सिविल कोर्ट में प्रवेश के लिए एक मुख्य गेट को ही खोला गया है, जहां पुलिस बल के जवान आधुनिक उपकरणों से लैस रहते हैं. सम्यक जांच के बाद ही किसी को अंदर जाने की इजाजत मिलती है. उन्होंने कहा कि झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश पर सिविल कोर्ट धनबाद का पूरी तरह से आधुनिकीकरण किया गया है. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सह जोनल जज धनबाद रंगन मुखोपाध्याय से प्राप्त दिशा निर्देश पर ऊर्जा मंत्रालय झारखंड सरकार द्वारा सिविल कोर्ट धनबाद के भवन को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है. पूरे कोर्ट भवन में कुल 169 वातानुकूलित मशीन लगायी गयी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम के अलावा हर एक कोर्ट रूम में अत्याधुनिक उपकरण लगाये गये हैं. इसमें बिना असुविधा के सभी जगह से कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद बंदियों की पेशी के अलावा, गवाही की जा रही है. दिव्यांग व बुजुर्ग लोगों, अधिवक्ताओं के लिए न्यायालय में लिफ्ट की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था की गयी है. ई कोर्ट सर्विस के तहत कोर्ट के सभी मुकदमों के फाइलों को डिजिटिलाइजेशन किया जा रहा है. अदालत द्वारा मुकदमों में पारित आदेशों, निर्णयों को वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है, ताकि वादकारियों व अधिवक्ता अपने मुकदमे में पारित आदेशों को सुलभता से जान सकें और मुकदमे की अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकें. कोर्ट परिसर में इ-सेवा केंद्र बनाया गया है, जहां मुकदमों से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है