dhanbadnews: 250 रुपया महंगा हुआ राजमहल क्षेत्र का कोयला
कोल इंडिया की सहायक कंपनी इसीएल ने झारखंड में स्थित अपने राजमहल क्षेत्र के कोयले की कीमत में करीब 55.56 प्रतिशत की वृद्धि की है. नई कीमत 450 रुपये से बढ़ाकर 700 रुपए प्रति टन की गयी है, जो 30 नवंबर से ही प्रभावी होगी.
धनबाद.
कोल इंडिया की सहायक कंपनी इसीएल ने झारखंड में स्थित अपने राजमहल क्षेत्र के कोयले की कीमत में करीब 55.56 प्रतिशत की वृद्धि की है. नई कीमत 450 रुपये से बढ़ाकर 700 रुपए प्रति टन की गयी है, जो 30 नवंबर से ही प्रभावी होगी. कंपनी के इस निर्णय के बाद राजमहल क्षेत्र का कोयला 250 रुपये प्रति टन महंगा हो गया है. इसीएल के इस कदम से कंपनी को करीब 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. इसीएल प्रबंधन के मुताबिक कोयले की कीमत में यह वृद्धि राजमहल कोयला क्षेत्र में टिकाऊ संचालन सुनिश्चित करने के लिए बढ़े हुए लॉजिस्टिक खर्चों को ध्यान में रख जरूरत के अनुरूप है. 29 नवंबर को कोल इंडिया निदेशक मंडल की बैठक में इसीएल के राजमहल खदान के कोयले की कीमत में संशोधन को मंजूरी दी गयी थी. बता दें कि राजमहल खदान से कोयले की आपूर्ति एनटीपीसी के कहलगांव और फरक्का सुपर थर्मल पावर प्लांट को कम परिवहन लागत पर की जाती है. एनटीपीसी की सहमति से कीमत में संशोधन किया गया है.खदानों को बचाने के लिए कीमत में हुई बढ़ोतरी
जानकारी के अनुसार खदानों को बचाने के लिए कोयले के दाम बढ़ाये गये हैं. इसीएल ने वर्ष 2018 में कोयले की कीमत बढ़ाई थी. पिछले सात वर्षों में कोयले की कीमत नहीं बढ़ी है. इसीएल प्रबंधन के मुताबिक अगर कोयले की कीमत नहीं बढ़ाई जाती है तो यहां खदान चलना मुश्किल होगा. कोल इंडिया प्रबंधन ने भी पहले ही संकेत दिया था कि वह बढ़ी हुई लागत के प्रभाव को कम करने के लिए कोयले की कीमतों में कम से कम 10-11 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है