कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर तक) में 10 राज्यों के सरकारी खजाने में करीब 28,930.27 करोड़ रुपये जमा कराये हैं. यह भुगतान रायल्टी, जीएसटी, डीएमएफ, एनएमइटी, स्टेट व सेंट्रल सेल्स टैक्स तथा सेस ऑन कोल आदि मद में किया गया है. सबसे अधिक 15,169.97 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन व सेस मद में किया गया है. कोल इंडिया के आंकड़ों पर गौर करें, तो कंपनी ने सर्वाधिक 6,452.30 करोड़ रुपये का भुगतान झारखंड सरकार के खजाने में किया है. बता दें कि झारखंड में कोल इंडिया की तीन अनुषंगी कंपनियों बीसीसीएल, सीसीएल व इसीएल की खदानें संचालित हैं. वहीं प. बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम व अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों की खदानें हैं.
पहली छमाही में सभी प्रकार के करों में आयी कमी :
आंकड़ों के मुताबिक, पहली छमाही में राॅयल्टी, डीएमएफ, जीएसटी, सेल्स टैक्स समेत सभी करों में कमी आयी है. इस कारण कोल इंडिया ने सरकारी खजाने में 2023-24 के मुकाबले कम लेवी जमा की है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में कोल इंडिया ने जहां 29122.13 करोड़ रुपये की लेवी सरकारी खजाने में जमा की थी. वहीं चालू वर्ष में कुल 28930.27 करोड़ रुपये लेवी जमा की है. पिछले वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में कोल इंडिया ने रॉयल्टी मद में 7361.69 करोड़, डीएमएफ में 2308.09 करोड़, सीजीएसटी में 1072.06 करोड़, एसजीएसटी में 1072.06 करोड़, कंपनसेशन सेस में 14799.30 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. वहीं चालू वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में क्रमश: 6865.94 करोड़, 2167.30 करोड़, 1033.78 करोड़, 1028.08 करोड़ व 15169.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है