कोल इंडिया ने किया 19,840 करोड़ का पूंजीगत व्यय
भविष्य में उत्पादित कोयले की बढ़ी हुई मात्रा को निकालने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा तैयार करना लक्ष्य
By Prabhat Khabar News Desk |
April 18, 2024 7:41 PM
वरीय संवाददाता, धनबाद,
वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत में कोल इंडिया का कुल पूंजीगत व्यय 6.5 प्रतिशत बढ़कर 19,840 करोड़ रुपये हो गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है. गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 18,619 करोड़ रुपये था. कोल इंडिया ने वित्त वर्ष के पूंजीगत व्यय के 16,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 120 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोल इंडिया अपने खनन क्षेत्रों में कोयला परिवहन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. कोल इंडिया का लक्ष्य भविष्य में उत्पादित कोयले की बढ़ी हुई मात्रा को निकालने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा तैयार करना है. इसमें कोल हैंडलिंग प्लांट व साइलो के साथ फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाएं स्थापित करना व रेल साइडिंग, रेल लाइनें व सड़कें आदि शामिल हैं.
भूमि की खरीदारी पर खर्च हुए 5135 करोड़ :
कोल इंडिया ने भूमि की खरीदारी पर वित्त वर्ष 2023-24 में 5,135 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के 3,367 करोड़ रुपये से 52.5 प्रतिशत अधिक है. यह भूमि अधिग्रहण और संबंधित पुनर्वास व पुनस्थापन पर तेज वृद्धि को दर्शाता है. कोल इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक तीन सहायक कंपनियां सीसीएल, एसइसीएल व एमसीएल ने भूमि मद के तहत पूंजीगत व्यय का 77.3 प्रतिशत हिस्सा लिया. सीसीएल 1,909 करोड़ रुपये के साथ सूची में सबसे आगे है, जबकि एसइसीएल 1,159 करोड़ रुपया के साथ दूसरे व एमसीएल 904 करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है. इन तीनों कंपनियों से संयुक्त रूप से कोल इंडिया के एक बिलियन टन उत्पादन लक्ष्य में लगभग 68 प्रतिशत योगदान देने की उम्मीद है.
एचइएमएम की खरीद पर 3,078 करोड़ हुए खर्च :
कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 2024 के दौरान हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचइएमएम) की खरीद पर कुल 3,078 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया है, जो 1,965 करोड़ रुपये के लक्ष्य का 156.5 प्रतिशत है. शेष 5,557 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय अन्य मदों में किया गया. इनमें सौर परियोजनाएं, संयुक्त उद्यम, वॉशरी, अन्य संयंत्र व मशीनरी, सुरक्षा, पर्यावरण, अन्वेषण व पूर्वेक्षण और कार्यालय उपकरण आदि समेत खान विकास गतिविधियां शामिल हैं.