धनबाद: कोयला मजदूरों के 11वें वेतन समझौता की राह में रोड़ा बने डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) के ऑफिस मेमोरेंडम में ढील मिल सकती है. कोयला मंत्रालय के हालिया कदम से इस आशय की संभावना बनी है. दरअसल, तीन यूनियनों द्वारा कोयला मंत्री को दिये संयुक्त पत्र के आलोक में मंत्रालय ने कोल इंडिया से मंतव्य मांगा है. मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, कोल इंडिया ने अपना मंतव्य कोल मंत्रालय को भेज दिया है.
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि अब कोयला मंत्रालय डीपीइ को पत्र लिखकर ऑफिस मेमोरेंडम में छूट देने का आग्रह करेगा, ताकि कोयला मजदूरों का वेतन समझौता जल्द संपन्न हो सके. आठवें वेतन समझौता में भी डीपीइ के ऑफिस मेमोरेंडम में तत्कालीन केंद्र सरकार ने छूट दी थी.
यूनियन नेताओं ने एक संयुक्त पत्र तैयार किया. इसमें डीपीइ के ऑफिस मेमोरेंडम के उन बिंदुओं का विस्तार से जिक्र था, जो कोयला मजदूरों के वेतन समझौता में बाधक है. इस संयुक्त पत्र में एटक के रमेंद्र कुमार, एचएमएस के नाथूलाल पांडेय व सीटू के डीडी रामनंदन ने हस्ताक्षर किये. लेकिन बीएमएस के किसी नेता ने हस्ताक्षर नहीं किया. यह पत्र आठ अगस्त को कोल मंत्री को प्रेषित किया गया.
बीएमएस के कोल प्रभारी केएल रेड्डी ने तीन यूनियनों द्वारा मंत्री को संयुक्त पत्र भेजे जाने के बाद कहा कि डीपीइ का ऑफिस मेमोरेंडम कोई मुद्दा नहीं है. उन यूनियनों द्वारा इसे मुद्दा बनाया जा रहा, जो शीघ्र वेतन समझौता नहीं चाहते. श्री रेड्डी के बयान पर तीन संगठनों के नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि श्री रेड्डी को कोयला उद्योग एवं कोयला मजदूरों के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है.
कोयला मजदूरों के 10वें वेतन समझौता की अवधि 30 जून 2021 को समाप्त हो चुकी है. एक जुलाई 2021 से 11वें वेतन समझौता की अवधि शुरू हो गयी है. 10 जून 2021 को वेतन समझौता के लिए 11वें जेबीसीसीआइ का गठन हुआ. 17 जुलाई 2021 को 11वें जेबीसीसीआइ की पहली बैठक हुई. इसमें प्रबंधन ने साफ-साफ कहा कि वेतन समझौता डीपीइ के ऑफिस मेमोरेंडम के आधार पर होगा. यूनियनों ने इसे अस्वीकार कर दिया. लेकिन प्रबंधन बार-बार डीपीइ की बात करता रहा. 16 फरवरी 2022 को हुई तीसरी बैठक के मिनट्स के मुताबिक बैठक में सहमति बनी कि डीपीइ के ऑफिस मेमोरेंडम पर कोयला मंत्रालय से अनुमति ली जायेगी.