Dhanbad News : पेंशन फंड को सृदृढ़ करने को प्रतिटन 25 रुपया तक सेस देगी कोल इंडिया
नये फंड मैनेजर के चयन को दुबारा टेंडर करेगा सीएमपीएफ, सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में लिए गये कई निर्णय, जल्द मिल सकती है सीएमपीएफ एक्ट में संशोधन को मंजूरी
सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (बीओटी) 183वीं बैठक शुक्रवार को हैदराबाद के सिंगरेनी भवन में हुई. इसकी अध्यक्षता बीओटी अध्यक्ष सह कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने की. इसमें पेंशन स्कीम सुचारू रूप से चलाने के लिए पेंशन फंड को मजबूत करने पर जोर दिया गया. बताया गया कि वर्तमान में पेंशन लेने वालों की संख्या अधिक है, जबकि पेंशन फंड में अंशदान करने वालों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है. कोल इंडिया द्वारा पेंशन फंड में 10 रुपया प्रति टन सहयोग राशि दिया जा रहा है. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि कोल इंडिया को अपने कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए चल रही पेंशन स्कीम चलाने की जिम्मेवारी लेनी चाहिए. यह तय हुआ कि पेंशन फंड में कोल इंडिया 25 रुपया प्रति टन सहयोग देने के लिए अपने बोर्ड से पारित कराए और सहयोग राशि देना शुरू करें. साथ ही इस पर भी सहमति बनी की केंद्र सरकार द्वारा लायी गयी, नयी पेंशन स्कीम यूपीएस को या इससे बेहतर स्कीम को कोल इंडिया में लाया जाये. साथ ही एक कट ऑफ डेट के बाद नयी स्कीम को लागू किया जाये. कट ऑफ डेट के पहले वाले पेंशनरों को पैसा देने की जिम्मेवारी कोल इंडिया ले.
सीएमपीएफ एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव :
बीओटी की बैठक में सीएमपीएफओ एक्ट में संशोधन करने के लिए ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया. इस पर सुझाव आने के बाद ड्राफ्ट को फाइनल करने पर सहमति बनी है. सीएमपीएफ द्वारा नये फंड मैनेजर के चयन को दुबारा टेंडर करने पर सहमति बनी है. बताया गया है कि वर्तमान में एसबीआई व यूटीआइ फंड मैनेजर काम कर रहे हैं. इनका कार्यकाल समाप्त हो गया है. नये फंड मैनेजर नियुक्त करने के लिए टेंडर किया गया था, लेकिन टेंडर में निजी फंड मैनेजरों ने कम रेट कोट किया था. इस पर राय बनी कि सरकारी फंड मैनेजरों को प्राथमिकता देने के लिए दुबारा टेंडर किया जाये.प्रिंसिपल एम्प्लॉयर को भेजना होगा क्लेम :
ठेका मजदूरों का सीएमपीएफ क्लेम अगर ठेकेदार नहीं भेजता है, तो प्रिंसिपल एम्प्लॉयर को क्लेम भेजना चाहिए. इस पर सहमति बनी कि कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेंगे. इसके साथ ही रिवाइज पीपीओ जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने व जबतक सभी रिवाइज पीपीओ जारी नहीं हो जाता, तब तक पेंशनर के मृत्यु होने पर विधवा को कोलियरी आने की बाध्यता को समाप्त कर देना चाहिए. संबंधित फाॅर्म में विधवा से हस्ताक्षर कराकर, जीवन प्रमाण पत्र के साथ कोई भी परिजन संबंधित कोलियरी ऑफिस में जमा करें और विधवा से फोन से बात करा दें. इसके बाद उनके फाॅर्म को पीएफ ऑफिस भेज दिया जाये, ताकि पति की मृत्यु के बाद पेंशन शुरू हो सके. वहीं 11 वें जेबीसीसीआइ के तहत पेंशन रिवाइज करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित हो. न्यूनतम एक हजार पेंशन अभी तक सभी को नहीं मिल रहा है. जिन्हें नहीं मिल है उन्हें अविलंब एरियर के साथ भुगतान किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है