पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश का असर बीसीसीएल के कोयला उत्पादन व डिस्पैच पर भी पड़ा है. सोमवार को बीसीसीएल में 90 फीसदी से ज्यादा कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है. वहीं एक दिन पहले रविवार को 70 फीसदी से अधिक कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ है. भारी बारिश के कारण भूमिगत व खुली खदानों में पानी भरने के खतरे को देखते हुए बीसीसीएल प्रबंधन ने हाई अलर्ट जारी किया है. नदी, तालाब व जोड़िया के किनारे स्थित खुली व भूमिगत खदानों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. मुख्यालय से लेकर कोलियरी स्तर पर कंट्रोल रूम संचालित कर दिया गया है, जो हर घंटे की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेज रहा है. हालांकि बीसीसीएल में बारिश के कारण किसी घटना-दुर्घटना की सूचना नहीं है. भू-धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्र होने कारण कारण भारी बारिश से कोयलांचल में गैस रिसाव और भू-धंसान की घटनाएं भी बढ़ गयी हैं. इन इलाकों में गैस रिसाव का खतरा भी बढ़ गया है. इसे लेकर बीसीसीएल विशेष सतर्कता बरत रही है.
कई खदानों में बढ़ा पानी :
बीसीसीएल के कोलियरी क्षेत्रों में कई जगह पानी जमा होने के कारण उत्पादन ठप हो गया है. ओबी की निकासी के कार्य में भी परेशानी हो रही है. बता दें कि बारिश के मौसम में खुला खदानों में दुर्घटना का भय बना रहता है. सबसे ज्यादा असर रात की शिफ्ट की ड्यूटी पर पड़ता है. बारिश होने पर ऑपरेटरों को ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है.प्रथम पाली में 1959 टन कोयला उत्पादन :
बीसीसीएल के आंकड़ों पर गौर कर करें तो रविवार को कंपनी का लक्ष्य 1.10 लाख टन कोयला उत्पादन का था. इसके मुकाबले कंपनी 30.39 हजार टन कोयला उत्पादन किया है. वहीं सोमवार को प्रथम पाली में महज 1959 टन कोयला उत्पादन हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है