धनबाद : टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं ने दी नसीहत, बोले-पहले बिजली सप्लाई में सुधार करें, फिर बढ़ायें टैरिफ
बिजली विभाग के टैरिफ बढ़ाने के विरोध में उपभोक्ताओं ने धनबाद में आयोग के सामने आवाज बुलंद की. जन सुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने अपनी समस्याओं को रखा. सभी ने एक स्वर में बिजली विभाग के टैरिफ में 2.85 रुपये के बढ़ोतरी का विरोध किया है. सुविधाओं और उपभोक्ताओं पर इसका असर कम से कम पड़े, इसे देखने का आग्रह किया गया.
धनबाद : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. इसपर शुक्रवार को न्यू टाउन हॉल में झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने जनसुनवाई की. इसमें विद्युत उपभोक्ता के अलावा बिजली विभाग धनबाद एरिया बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे. जनसुनवाई में उपभोक्ताओं ने कहा कि पहले बिजली सप्लाई में सुधार करें, उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान समय पर किया जाये, फिर टैरिफ पर बढ़ोतरी की जाये. उपभोक्ताओं ने बारी-बारी से अपनी समस्याओं को रखा. बिजली विभाग ने इन समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. आयोग के सदस्य महेंद्र प्रसाद ने कहा कि टैरिफ बढ़ाने के साथ ही बिजली विभाग पर नियम व शर्तें भी लगायी जाती है. इसी में है कि शहरी क्षेत्र में 23 घंटे से कम बिजली आपूर्ति होती है, तो आप हर्जाना के हकदार है. इसके लिए प्रक्रिया में आना होगा. वहीं ग्रामीण इलाकों में 21 घंटे से कम बिजली दी जाती है, तो बिजली विभाग को हर्जाना उपभोक्ता को देना है.
उपभोक्ताओं ने रखी समस्याएं
मनोज कुमार ने बरवाअड्डा की समस्याओं को रखते हुए कहा कि 40 से 45 घर में कनेक्शन हो गया है. लेकिन सभी कनेक्शन बांस पर हैं. इस कारण कई बार घटना हुई है. शिकायत के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.
संतोष कुशवाहा ने कहा कि दो कर्मचारियों की काम के दौरान दुर्घटना में मौत हो गयी है, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा की पूरी राशि नहीं मिल पायी है. कहा कि बिजली विभाग का टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव से उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा, अगर इसमें वृद्धि होती है, तो न्यूनतम हो.
अरविंद बनर्जी ने कहा कि बिजली का दर प्रति यूनिट 9.60 रुपये करने का प्रस्ताव है, लेकिन बदले में क्या सुविधा दे रहे हैं. ट्रांसफॉर्मर खराब होने पर आपस में चंदा करते हैं, फिर ट्रांसफॉर्मर बदला जाता है. अरविंद ने झरिया के पूर्व कनीय अभियंता पर सीधे दोहन करने का आरोप लगाया. कहा : अचानक 15 से 20 हजार रुपये बिजली बिल आ जाता है, जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है. शिकायत के बाद भी समाधान नहीं होता है. 40 नंबर वार्ड में ट्रांसफॉर्मर पर लोड अधिक है, लेकिन ट्रांसफॉर्मर की क्षमता नहीं बढ़ रही है. झरिया में बिजली संकट विकराल है.
श्रीकांत अंबष्ठ ने कहा कि बिजली दर में वृद्धि नहीं होनी चाहिए. बिजली चोरी पर लगाम लगे. फिक्स चार्ज में तीन से चार प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. यह कहीं से भी सही नहीं है. फिक्स चार्ज खत्म होना चाहिए. 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की बात हवा-हवाई साबित हो रही है.
शिव चरण शर्मा ने कहा कि झारखंड बने 24 साल होने वाले हैं, लेकिन अभी भी बिजली व्यवस्था बेहाल है. डीवीसी दर नहीं बढ़ा रहा है, लेकिन उससे बिजली लेने वाला बिजली विभाग लगातार बिजली की कीमत बढ़ा रहा है. उपभोक्ताओं के पास विकल्प नहीं है, इसी का फायदा बिजली विभाग उठा रहा है. पहले 100 वाट का बल्ब जलाते थे, अब नौ वाट का बल्ब जला रहे हैं, फिर भी बिजली बिल बढ़ रहा है. 2008 में 800 रुपये सिक्यूरिटी मनी था, आज 3840 रुपये लग रहा है. डोमेस्टिक का बढ़कर 6265 रुपये हो गयी है. आठ माह में दूसरी पर जन सुनवाई होने पर उन्होंने आपत्ति जतायी. टीडीआर मीटर से लोड जांच कर छापेमारी करने की बात कही है.
क्या है प्रस्ताव ?
डोमेस्टिक में ग्रामीण में 5.80 रुपये से बढ़ा कर 8.25 रुपये, फिक्स चार्ज 50 से 75 रुपये करने, अर्बन में 6.30 रुपये प्रति यूनिट से 9.50 रुपये, एचटी में 6.15 रुपये प्रति यूनिट से 9.50 रुपये करने, फिक्स चार्ज 150 से 100 करने, कॉमर्शियल में ग्रामीण में 5.80 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ा कर 10 रुपये, फिक्स चार्ज में 100 से 200 रुपये करने, अर्बन में 6.15 प्रति यूनिट से बढ़ाकर 10.50 रुपये करने, फिक्स चार्ज 150 से बढ़ाकर 250 करने, एचटी को 10.50 रुपये प्रति यूनिट और फिक्स चार्ज 450 रुपये करने का प्रस्ताव है. सरकारी व निजी अन्य कनेक्शन के शुल्क में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव है.
अधिकारियों ने क्या कहा ?
जेबीवीएनएल के कार्यकारी निदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि स्मार्ट मीटर को एमआरटी में टेस्ट करें, फिर उसे लगाया जाये. उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए ऊर्जा मेला फिर से लगाया जायेगा. आरडीएसएस व मुख्यमंत्री उज्ज्वल योजना के तहत कई कार्य किया जाना है. आने वाले दिनों में आधार भूत संरचना बेहतर होगी. उपभोक्ताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि ट्रांसफॉर्मर बदलने के एवज में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. कोई पैसे मांगता है, तो इसकी शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों से करें. बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि लोड की जांच कर उसके अनुसार ट्रांसफॉर्मर लगाया जाये. कैलाश के सवाल पर कहा कि फिक्स चार्ज आधार भूत संरचना के लिए होता है. इसे खत्म नहीं किया जा सकता है. इसी में बिजली विभाग के अधीक्षण एसके कश्यप ने कार्यकारी निदेशक के बात को काटते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर पहले से टेस्ट होकर आ रही है. एमआरटी में इसका टेस्ट करना संभव नहीं हो पायेगा. जिले में एक लाख 51 हजार स्मार्ट मीटर लगना है, अभी तक 30 हजार मीटर लग चुका है.
ड्रेस में आयेंगे ऊर्जा मित्र
एसके कश्यप ने कहा कि ऊर्जा मित्र की ड्रेस है, उसी ड्रेस और पहचान पत्र के साथ उसे उपभोक्ताओं के घरों में बिलिंग करने के लिए जाना है. ताकि उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. बिजली चोरी रोकने के लिए जिन ट्रांसफॉर्मर में टीआरटी लगा हुआ है, उसकी रीडिंग ली जाती है. उस क्षेत्र पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
तकनीकि सदस्य ने दी जानकारी
आयोग ने कहा कि तकनीकी सदस्य अतुल कुमार ने कहा कि राजीव झुनझुनवाला ने कहा है कि लोड अधिक बता कर फाइन किया गया है, जबकि बिजली विभाग को घर में जाकर लोड की जांच करने का अधिकार नहीं है. जो यूनिट उठ रहा है, उसी पर लोड तय करना है. इसकी शिकायत उपभोक्ता करता है, तो टीम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 10 दिन में वेबसाइट पर अपनी शिकायत कर सकते हैं या फिर ऑफलाइन अधिकारी के पास शिकायत रख सकते हैं. उपभोक्ता ने शिकायत की है कि अभी जन सुनवाई चल रही रही है और फिक्स चार्ज को बढ़ा दिया गया है. पिछले माह 100 रुपये था इस माह 140 रुपये हो गया है. इस पर आयोग के विधि सदस्य महेंद्र प्रसाद ने कहा कि फिक्स चार्ज कैसे बढ़ा इसकी जांच कर सुधार करें.
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