9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Dhanbad News : धनबाद में प्रारंभिक शिक्षा में 65% महिला शिक्षिकाओं का योगदान

महिला सशक्तीकरण. ज्ञान बांटकर देश व समाज की नींव मजबूत कर रही हैं शिक्षिकाएं, सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के स्कूलों की प्राथमिक कक्षाओं में 90% से अधिक महिला शिक्षक

भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए वर्ष 2047 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में देश के प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. विशेषकर विकसित राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं की भूमिका अत्यंत मूल्यवान साबित होने वाली है. कुछ वर्ष पहले तक आधी आबादी केवल घरों के कामकाज तक सीमित थी. लेकिन हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने घर की दहलीज लांघ कर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है. खासकर शिक्षा के क्षेत्र में. आज स्थिति यह है कि प्रारंभिक शिक्षा में महिला शिक्षिकाओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो गयी है.

महिला शिक्षक की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि :

प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में महिला शिक्षकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारत में प्राथमिक शिक्षा में महिला शिक्षकों का प्रतिशत 56.67 प्रतिशत था. इसके अतिरिक्त, 2022-23 की यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन ऑन स्कूल एजुकेशन (यू-डीआइएसइ) रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 97.8 लाख शिक्षकों में से 50.12 लाख महिलाएं थीं. यू-डीआइएसइ के आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में पहली बार महिला शिक्षकों की संख्या पुरुष शिक्षकों से अधिक दर्ज की गयी थी.

धनबाद में भी महिलाएं पीछे नहीं :

धनबाद देश के सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में से एक है. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी देश के रहने योग्य 49 सबसे अच्छे शहरों की सूची में धनबाद को शामिल किया गया है. इसके अलावा, लंदन स्थित सिटी मेयर्स फाउंडेशन ने धनबाद को दुनिया के 100 सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों की सूची में 96वां स्थान दिया है. इस स्थान को प्राप्त करने में धनबाद की महिलाओं का उल्लेखनीय योगदान है. यहां महिलाएं हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में महिला शिक्षकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक के शिक्षण क्षेत्र में महिला शिक्षकों की संख्या 65 प्रतिशत है.

शैक्षिक संस्थानों में महिला शिक्षकों की संख्या

सीबीएसइ स्कूल : 90% सीआइसीएसइ स्कूल : 98%

सरकारी स्कूल : 23% गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल : 71%

कोट

शिक्षित महिलाएं परिवार और समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत बनती हैं, जिससे समाज का समग्र विकास होता है. प्रारंभिक शिक्षा में महिला शिक्षकों का मातृत्व भाव बच्चों की संवेदनाओं को समझने और उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है.

डॉ पुष्पा कुमारी,

डीएसडब्ल्यू, बीबीएमकेयू

प्रारंभिक शिक्षा में महिलाओं की बढ़ती भूमिका केवल एक बेहतर समाज का निर्माण नहीं कर रही, बल्कि यह विकसित राष्ट्र की नींव भी रख रही है. वे बच्चों के साथ गहरा भावनात्मक रिश्ता बनाती हैं, जिससे बच्चे तेजी से सीखते हैं. उनकी कोमल दृष्टि अनुशासन सिखाने में मदद करती है.

डॉ शर्मिला रानी,

प्रिंसिपल, एसएसएलएनटी महिला कॉलेजमहिला शिक्षक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उनकी संवेदनशीलता और मेहनत ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया है. आज महिलाएं ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी शिक्षा के स्तर को सुधारने में योगदान दे रही हैं.

डॉ कविता सिंह,

प्रिंसिपल, पीके रॉय मेमोरियल कॉलेजमहिलाएं संवाद और अभिव्यक्ति में कुशल होती हैं. प्रारंभिक शिक्षा में कहानी सुनाने, गाने और रंग-बिरंगे तरीकों से बच्चों को सिखाने में वे अधिक प्रभावी साबित होती हैं. उनकी उपस्थिति लड़कियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है.

डॉ सरिता सिन्हा,

प्रिंसिपल, दिल्ली पब्लिक स्कूल

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें