Dhanbad News : बोले निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा-विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में आइआइटी आइएसएम अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार

आइआइटी आइएसएम का दो दिवसीय 44वां दीक्षांत समारोह संपन्न , समारोह के दूसरे दिन दो सत्रों में कुल 865 विद्यार्थियों को दी गयी डिग्री

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 12:20 AM

आइआइटी आइएसएम विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अपनी निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है. संस्थान नवीकरणीय ऊर्जा, डीकार्बोनाइजेशन और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में भारत के हरित अर्थव्यवस्था लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. हम अपने विशाल टैलेंट पूल और पूर्व छात्रों के मजबूत नेटवर्क के साथ देश लक्षित विकास में अहम योगदान निभा रहे हैं. उक्त बातें आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने संस्थान के 44वें दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में कही. संस्थान का दो दिवसीय 44वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को संपन्न हो गया. उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि आइआइटी आइएसएम ने शैक्षणिक और शोध के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की है. इसी के बल संस्थान ने वैश्विक स्तर के रैंकिंंग फ्रेमवर्क बेहतर ग्रेड हासिल किया है.

संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन प्रो प्रेम व्रत ने अपने संबोधन में कहा कि आज संस्थान अपने छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों और दृढ़ता का जश्न मना रहे हैं. 1926 में स्थापित इस संस्थान ने इंजीनियरिंग, भूविज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है. यह संस्थान हमेशा से प्रतिभाशाली मस्तिष्कों का घर रहा है, जिन्होंने उद्योग, अकादमिक और समाज में उल्लेखनीय परिवर्तन लाये हैं. उन्होंने आगे छात्रों से कहा कि वह बड़े सपने देखें और उन्हें हासिल करने के लिए मेहनत करना जरूरी है. पंचतंत्र का एक श्लोक है: ‘उद्यमेन हि सिद्ध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः, न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ’ अर्थात सफलता प्रयासों से मिलती है, इच्छाओं से नहीं. सोते हुए शेर के मुंह में हिरण स्वयं प्रवेश नहीं करता. अपना लक्ष्य तय करें और उन्हें पाने के लिए निरंतर प्रयास करें.

दो दिनों में कुल 1048 डिग्रियों का वितरण :

आइआइटी आइएसएम के 44वां दीक्षांत समारोह दो दिनों तक पेनमैन ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया. इस दो दिवसीय आयोजन में 2023-24 बैच के कुल के 1048 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान किया गया. दूसरे दिन दो सत्रों में आयोजित इस समारोह में कुल 865 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गयी. पहले सत्र में बीटेक के 447 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गयी, जबकि दूसरे सत्र में बीटेक, ड्यूल डिग्री, इंटीग्रेटेड एमटेक और एमटेक के 418 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गयीं. इस दौरान विद्यार्थियों के साथ उनके परिवारजनों ने भी इस गौरवपूर्ण क्षण को साझा किया. इससे पहले सोमवार की शाम दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया गया. इस वर्ष दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि जाने माने वैज्ञानिक, डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष व नीति आयोग सदस्य डॉ सारस्वत थे.

एकेडमिक प्रोसेशन के साथ शुरू हुआ हर सत्र :

दीक्षांत समारोह के हर सत्र की शुरुआत एकेडमिक प्रोसेशन के साथ हुआ. इस एकेडमिक प्रोसेशन का नेतृत्व रजिस्ट्रार प्रबोध पांडेय ने किया. इसके बाद डिग्री लेने वाले सभी छात्रों को शपथ दिलायी गयी. इसके बाद निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा द्वारा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया. फिर बीओजी के चेयरमैन प्रो प्रेम व्रत का संबोधन हुआ. इसके बाद अलग अलग कोर्स के विभागाध्यक्षों द्वारा अपने कोर्स के विद्यार्थियों को डिग्री ग्रहण करने के लिए एक-एक कर आमंत्रित किया गया.

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